पश्चिम भारत में एक बार फिर जीका वायरस का कहर सामने आया है. पुणे के एक डॉक्टर और उनकी किशोरी बेटी के संक्रमित पाए जाने के बाद, इस साल शहर में यह पहले दो मामले सामने आए हैं. पिछले साल मुंबई में भी इसके मामले सामने आए थे. मच्छर इस वायरस के वाहक होते हैं और बारिश के मौसम में इनके तेजी से पनपने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.


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जीका वायरस एक मच्छर जनित वायरस है. यह वायरस एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. यह वायरस आम तौर पर हल्के बुखार, रैशेज, जोड़ों में दर्द, आंखों में लालिमा और सिरदर्द जैसे लक्षण पैदा करता है. ये लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों में ही ठीक हो जाते हैं. हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए जीका वायरस खासतौर पर खतरनाक हो सकता है.


गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा
गर्भवती महिलाओं में अगर जीका वायरस का संक्रमण हो जाए, तो यह उनके गर्भस्थ शिशु के लिए गंभीर जन्म दोष पैदा कर सकता है. इन जन्म दोषों में से सबसे गंभीर है माइक्रोसेफली. माइक्रोसेफली एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे का सिर असामान्य रूप से छोटा होता है. इससे बच्चे के दिमाग के विकास में समस्याएं आ सकती हैं. जीका वायरस से जन्म लेने वाले बच्चों में अन्य जन्म दोष भी हो सकते हैं, जैसे कि सुनने में परेशानी, देखने में परेशानी और मसल्स में कमजोरी.


गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
अगर आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो जीका वायरस से बचाव के लिए कुछ सावधानी बरतना बहुत जरूरी है


* मच्छरों से बचाव: मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें. सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि यही वह जगह है जहां मच्छर पैदा होते हैं.


* यात्रा करते समय सावधानी: अगर आप उन इलाकों में यात्रा करने की योजना बना रही हैं जहां जीका वायरस पाया जाता है, तो वहां जाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें. यात्रा के दौरान भी मच्छरों से बचाव के लिए पूरी सावधानी बरतें.


* गर्भावस्था की योजना: अगर आप जीका वायरस से प्रभावित इलाके में रहती हैं या वहां यात्रा कर चुकी हैं, तो गर्भवती होने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें. वह आपको यह सलाह दे सकते हैं कि गर्भधारण करने से पहले कुछ समय इंतजार किया जाए.


जीका वायरस का कोई खास इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों का मैनेज किया जा सकता है. अगर आपको लगता है कि आप जीका वायरस से संक्रमित हो सकती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. जीका वायरस से पूरी तरह से बचाव भले ही मुमकिन न हो, लेकिन सावधानी बरतकर इस संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है. खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को जीका वायरस से बचाव के लिए सतर्क रहना चाहिए.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.