नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को मात देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब छोटे-बड़े सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं पर फोकस कर रही है. ये वो संस्था हैं, जिनका हिंदू मतदाताओं पर काफी असर है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान महापुरुषों की जन्मस्थली पर जाने के साथ बुद्धिजीवियों और समाज के अन्य वर्गों से भी गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की मुलाकात हुई है. भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने भी बंगाल प्रवास के दौरान हर वर्ग को पार्टी से जोड़ने पर जोर दिया.


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सभी वर्गों पर निगाह
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में हिंदुओं में भी कई सारे वर्ग हैं, जो रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, हिंदू मिलन समाज, इस्कॉन आदि संगठनों के हिसाब से अपना रुख तय करते हैं. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को रामकृष्ण मिशन जाकर पश्चिम बंगाल का दो दिवसीय दौरा शुरू किया. उन्होंने रामकृष्ण मिशन जाकर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए. बंगाल में स्वामी विवेकानंद की बेहद स्वीकार्यता है, जनता उन्हें अपना आदर्श मानती है. बीजेपी इस बात को भलीभांति जानती है इसीलिए सभी वर्गों को रिझाने की कोशिश की जा रही है.


इस रणनीति पर चल रहा काम
पश्चिम बंगाल (West Bengal) चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) की चुनावी रणनीति प्रशांत किशोर संभाल रहे हैं तो वहीं बीजेपी (BJP) कई थिंक टैक की मदद से ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की हर रणनीति को काउंटर करने में जुटी हुई है. ऐसा ही एक थिंक टैंक है- श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन. दिल्ली के अशोका रोड से संचालित यह संस्थान भी पश्चिम बंगाल में बीजेपी की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभा रहा है. गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के दौरे के दौरान फाउंडेशन के डायरेक्टर अनिर्बान गांगुली भी मौजूद रहे. 

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पश्चिम बंगाल (West Bengal) में मां काली के अनुयायियों की भारी संख्या देख बीजेपी (BJP) के सभी वरिष्ठ नेता हर दौरे के दौरान दक्षिणेश्वर काली मंदिर का दौरा करते हैं. इस प्रकार श्रीराम के साथ-साथ अब मां काली पर भी बीजेपी  (BJP) ने फोकस किया है. बीजेपी ने हर जिले में धार्मिक और सामाजिक संगठनों से जनसंपर्क के लिए कुछ कमेटियां बनाई हैं. ये कमेटियां पूर्व सांसद और बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी अनुपम हाजरा के निर्देशन में काम कर रहीं हैं. अनुपम हाजरा बोलपुर से तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद रह चुके हैं. पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निकाले जाने पर उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया. 
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