श्रीनगर: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां पर चीजें तेजी से बदल रही हैं. सुरक्षाबलों के जवान आतंकियों पर कहर बनकर टूट रहे हैं तो सरकारी नौकरियों में जमे 'गद्दारों' को भी ढूंढ-ढूंढकर बेरोजगार किया जा रहा है.


11 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) के आदेश पर विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे 11 सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त (Terminate) कर दिया गया है. इन कर्मचारियों पर आतंकियों से संपर्क होने का आरोप है. जांच पूरी होने के बाद इन कर्मियों के टर्मिनेशन का आदेश जारी कर दिया गया.



पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद्य ने किया समर्थन


जम्मू कश्मीर के डीजीपी रिटायर्ड शेष पॉल वैद्य ने सरकार की इस कार्रवाई का समर्थन किया है. वैद्य ने ट्वीट करके कहा, 'आतंकियों से संपर्क रखने वाले सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से टर्मिनेट करके जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सही कदम उठाया है. प्रदेश में इस प्रकार के कठोर एक्शन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी.'



आतंकियों से संबंध का आरोप


नौकरी से बर्खास्त (Terminate) होने वाले 11 कर्मचारियों में दो सरकारी टीचर हैं. ये दोनों अनंतनाग जिले में तैनात थे और आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में काम करते थे. इनके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस के 2 सिपाहियों को भी बर्खास्त किया गया है. वे दोनों सिपाही आतंकियों को सुरक्षाबलों के ऑपरेशनों की खुफिया जानकारी लीक करने का काम करते थे.


ये भी पढ़ें- Jammu Kashmir के Anantnag में Terrorists से मुठभेड़, सुरक्षाबलों ने ढेर किए दो आतंकी


इन विभागों पर हुई कार्रवाई


सूत्रों के मुताबिक टर्मिनेट (Terminate) होने वाले कर्मचारियों में अनंतनाग जिले से 4, बडगाम से 3, बारामूला, श्रीनगर, पुलवामा और कुपवाड़ा जिले से 1-1 कर्मचारी शामिल थे. विभागवार बात करें तो शिक्षा विभाग में काम करने वाले 4 कर्मचारी, पुलिस विभाग के 2 और कृषि, स्किल डेवलपमेंट, पावर, SKIMS और स्वास्थ्य विभाग से 1-1 कर्मचारी को बर्खास्त किया गया है.


LIVE TV