नई दिल्ली: घर में जब मम्मी, पापा या बड़े लोग आपको बिना जरूरत के लाइट, पंखा या फ्रिज बंद करने के लिए कहते हैं तो आप शायद कभी-कभी खीझ भी जाते होंगे कि ऐसी भी क्या आदत है. लेकिन यह जान लीजिए कि बिजली (Electricity) बचाने की इसी आदत की वजह से देश में जितनी बिजली की खपत होती है, उसका लगभग 10% तक बचाई जा सकती है.


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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने जानकारी दी कि साल 2018-19 में 113 अरब यूनिट बिजली देश में बचाई गई. आप जानते हैं कितने करोड़ रुपये बचे? इसमें 89,122 करोड़ रुपये बच गए और तो और इस वजह से वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड जाने से भी रोका गया है. 15 करोड़ टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जित होने से रोकी गई. जितनी एनर्जी बचाई गई है, उतनी ही एनर्जी के लिए अगर तेल का इस्तेमाल होता तो तेल की ये मात्रा 2.3 करोड़ टन होती.


सिर्फ पंखा, लाइट या फ्रिज बंद करना ही बिजली बचाने का तरीका नहीं है. बिजली बचाने के लिए ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा बताए गए तरीकों से अच्छी तरह से बिजली बचाई जा सकती है. 113 अरब यूनिट बिजली इसी तरह बचाई गई है. ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सरकारी संस्था है.


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ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह के मुताबिक LED लाइट का इस्तेमाल करना, स्टार रेटिंग वाले उपकरण का इस्तेमाल करना, एयर कंडीशन का तापमान 24 डिग्री पर रखना, घर या फ्लाइट में इस तरह बदलाव करना कि प्राकृतिक प्रकाश ज्यादा आए, बिजली की खपत कम हो, इन सारे तरीकों से भी बिजली बहुत मात्रा में बचाई जा सकती है. 


अंतर्राष्ट्रीय नियम COP-21 के हिसाब से भारत को 2030 तक 35% बिजली की खपत घटानी है. यह 35 फीसदी 2005 के बिजली की खपत के आंकड़े के आधार पर होगा. अब तक इसमें देश को 20% बिजली बचाने की सफलता हासिल हो चुकी है. बिजली बचाने से सिर्फ हमारे घर का बिल ही ठीक नहीं होता बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ता है.


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