मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलने की वजह से राजस्थान के अलवर में रहने वाले 14 साल के एक बच्चे का दिमागी संतुलन खराब हो गया है. बच्चे का परिवार इतना परेशान हो गया कि उसे दिव्यांग संस्थान में इलाज के लिए भर्ती करवाना पड़ा. जानकारी के मुताबिक बच्चा घर पर 15-16 घंटे फायर फ्री ऑनलाइन गेम खेलता था. 


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परिवार ने बताया कि उनका बच्चा 7वीं क्लास में पढ़ता है, हालांकि मोबाइल पर ऑनलाइन गेम की लत ने पढ़ाई से दूर कर दिया. अलवर के मूंगस्का कॉलोनी में बच्चे का परिवार रहता है. मां जीवन यापन के लिए दूसरे घरों में झाड़ू-पोछा का काम करती है. वहीं, बच्चे के पिता रिक्शा चलाते हैं. 



पिता के मुताबिक, उन्होंने 7 महीने पहले ऑनलाइन क्लास के लिए बच्चे को एंड्राएड मोबाइल दिलवाया था. इसके बाद माता-पिता दोनों काम के लिए सुबह-सुबह ही घर से निकल जाते थे. बच्चा घर में रहता था और पूरे दिन मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलता था. 


ऑनलाइन गेमिंग की वजह से बच्चे की हालत इतनी खराब हो गई कि उसे स्पेशल बच्चों के हॉस्टल में भर्ती करवाया गया है. कई बार उसे बांधकर भी रखना पड़ता है. काउंसलर उसे ठीक करने में मदद कर रहे हैं. मनोरोग चिकित्सक भी उसके इलाज में लगी है.


बैठे-बैठे चिल्लाने लगता है बच्चा


बच्चे का हाथ में फोन न हो, तो भी वो चिल्लाने लगता है, खाना छोड़कर फायर-फायर बोलता है. इस दौरान उसके हाथ भी हिलने लगते हैं. शुरू में जब उसकी आदत का पता चला तो परिवार ने उसे डांटा, लेकिन वो नाराज हो गया. इसके बाद उन्होंने फोन उसे पकड़ा दिया और फिर से गेम खेलने लगा. 


दो बार गुस्से में बच्चा घर से रेवाड़ी तक जा चुका है. हालांकि, दोनों बार परिवार उसे वापस लेकर आया. उसे बांधकर रखने लगे. तभी उसका मानसिक संतुलन और खराब हो गया. इसके बाद उसे जयपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया. परिवार ने बताया कि उसे कई जगह दिखाया लेकिन कोई असर नहीं हुआ.


हारकर परिवार ने बच्चे को दिव्यांग आवास में भेजा. अब साइकेट्रिस्ट उसका इलाज कर रहे हैं. डॉक्टर के मुताबिक, उसकी स्थिति में सुधार है. हालांकि, कई बार उसके हांथ कांपने लगते हैं, वो फायर-फायर चिल्लाने लगता है.