जम्मू: जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में 2021 में 100 सफल अभियानों में 44 शीर्ष आतंकवादी समेत कुल 182 आतंकवादी मारे गए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस साल केंद्र शासित प्रदेश में 134 युवा आतंकवादी संगठनों में भर्ती हुए, जिनमें से 72 मारे गए और 22 को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा, ‘इस साल घुसपैठ की घटनाओं में कमी आयी, केवल 34 आतंकवादी ही घुसपैठ कर पाए. इसके अलावा पंथा चौक पर एक पुलिस बस पर हमले में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के नौ आतंकवादी पिछले 24 घंटे में माऐ गए. 


पन्ता चौक इलाके में सुरक्षा बलों के साथ आंतकियों की मुठभेड़, तीन आतंकी ढेर


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 बता दें कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पन्था चौक इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच शुक्रवार को मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए और पांच सुरक्षा कर्मी घायल हो गए.  पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में से एक जेवान इलाके में 13 दिसंबर को पुलिस बस पर हुए हमले में शामिल था. उस हमले में तीन पुलिस कर्मी मारे गए थे और 11 अन्य घायल हो गए थे. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद श्रीनगर शहर की बाहरी सीमा पर पन्था चौक में सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था. तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी और बल ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया. उन्होंने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में तीन पुलिस कर्मी और केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवान घायल हो गए. उन्हें सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत स्थिर है. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए.


एक आतंकी की हुई पहचान


कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने बताया कि तीनों आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद गुट के थे. मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान सुहैल अहमद राथेर के तौर पर हुई है, जो एक पाकिस्तानी नागरिक सहित दो अन्य आतंकवादियों के साथ जेवान हमले में शामिल था। जेवान हमले में शामिल अन्य दो आतंकवादी बृहस्पतिवार को अनंतनाग जिले में हुई मुठभेड़ में मारे गए थे.आईजीपी ने ट्वीट किया, ‘सुहैल जेवान आतंकवादी हमले में शामिल था. जेवान हमले में शामिल सभी आतंकवादी मारे गए हैं'.


पुलिस महानिरीक्षक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अन्य दो आतंकवादियों की पहचान की जा रही है और उनके विदेशी आतंकवादी होने की अधिक संभावना है, क्योंकि ‘‘किसी ने अभी तक उनको लेकर कोई दावा नहीं किया है'. इस संवाददाता सम्मेलन में कुछ ही मीडिया कर्मियों को बुलाया गया था. पुलिस महानिरीक्षक ने शुक्रवार को कहा कि यह मुठभेड़ जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी, क्योंकि जेवान हमले के बाद ‘‘ मैंने हत्यारों को जल्द मार गिराने का वादा किया था'. उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक टीम की तरह काम किया, अन्य जिलों के पुलिस दलों ने भी मदद की और हमें सफलता मिली.’


जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक बोले- हैदरपुरा अभियान था पूरी  पारदर्शी


जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा कि हैदरपुरा अभियान पूरी तरह ‘‘पारदर्शी’ था और जो राजनीतिक नेता, बल को ‘‘क्लीन चिट’’ दिए जाने पर सवाल उठा रहे हैं , उन्हें जांच समिति के समक्ष सबूत पेश करना चाहिए. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने स्पष्ट कर दिया है कि हैदरपुरा अभियान पूरी तरह पारदर्शी था. अगर उनके पास कोई सबूत हैं, तो उसे जांच समिति के समक्ष पेश करना चाहिए.’ स्थानीय पुलिस की जांच के खिलाफ राजनीतिक नेताओं की टिप्पणियों के बारे में सिंह से सवाल किया गया था. उन्होंने कहा, ‘हम इन टिप्पणियों से बेहद आहत महसूस कर रहे हैं'. शीर्ष पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि राजनेताओं की टिप्पणियां गैरकानूनी हैं और कानून इस मामले में अपना काम करेगा.