Delhi court allows TV, Ludo for Sukesh in Jail: दिल्ली की एक अदालत ने 200 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में (200 Crore extortion case) आरोपी ठग सुकेश चंद्रशेखर द्वारा जेल के कर्मचारियों पर आरोप लगाने के बाद इस मामले में जांच करने की जगह उसे (सुकेश को) नए सेल में ट्रांसफर कर दिया गया, इस पर गौर करना चाहिए, इससे संदेह पैदा होता है. हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सुकेश को जेल में खेलने और टीवी देखने की अनुमति दे दी है.


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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने जेल अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि आरोपी के साथ धमकी या अशोभनीय व्यवहार नहीं होना चाहिए. इस बीच, सुकेश के अनुरोध पर, उसके वकील अनंत मलिक ने कोर्ट से कहा कि सुकेश के लिए जेल में एक टीवी और कैदियों के साथ खेलने के लिए बैडमिंटन और लूडो की व्यवस्था की जाए, इससे वो खुद को सुरक्षित महसूस करता है. इस पर कोर्ट ने सुकेश को जेल में टीवी देखने और बैडमिंट व लूडो खेलने की इजाजत दे दी.


क्यों किया गया ट्रांसफर?


न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने सुकेश द्वारा जेल कर्मचारियों पर लगाए गए आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि, इस मामले में सुकेश द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद जेल प्रशासन द्वारा जांच करने और रिपोर्ट देने के बजाय, कोर्ट को बताए बिना उसे जेल नंबर 13 में ट्रांसफर कर दिया गया था.


कोर्ट ने कहा, 'यह तथ्य अदालत के संज्ञान में तब आया है जब आरोपी ने इसके बारे में शिकायत की. इस तरह का आचरण निश्चित रूप से संदेह पैदा करता है और इसलिए इस पर ध्यान देने की जरूरत है.'


मलिक ने अदालत से कहा कि सुकेश मंडोली जेल के अंदर सुरक्षित महसूस नहीं करता, क्योंकि वह वहां पर जघन्य अपराधियों के साथ बंद है, इसलिए वह अपने पिछले सेल में जाना चाहता है. जज ने कहा कि यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि जेल में बिना किसी अपवाद के प्रत्येक आरोपी/कैदी को सुरक्षा और गरिमापूर्ण वातावरण दिया जाना चाहिए.


सुकेश ने आरोप लगाया था कि जेल में बंद आप नेता सत्येंद्र जैन और पूर्व डीजी (जेल) संदीप गोयल के खिलाफ आरोपों को वापस लेने से इनकार करने के बाद उन्हें 1,500 कैदियों वाले जेल नंबर 13 में ट्रांसफर कर दिया गया था, जिसमें ज्यादातर जघन्य अपराधी और गैंगस्टर कैद हैं.


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