Akhilesh Yadav Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार से संबंधित केंद्र सरकार के बिल को राज्यसभा में नामंजूर कराने की कवायद में जुटे हैं. इस सिलसिले वह सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिले. उन्होंने आप का साथ देने का वादा किया है.


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सपा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा,  संसद के अंदर जब अध्यादेश आएगा, तो लोकसभा में जरूर पास हो जाएगा लेकिन राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की तरफ से अखिलेश यादव का शुक्रिया. उन्होंने हमारा साथ देने का भरोसा दिया है. हमने अखिलेश यादव से समर्थन मांगा है कि अगर राज्यसभा में बीजेपी सरकार द्वारा लगाया गया अध्यादेश गिर गया तो 2024 के लिए एक मजबूत संदेश जाएगा.


यह पूछे जाने पर क्या इस बैठक में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों पर भी चर्चा हुई तो केजरीवाल ने कहा, 2024 के लोकसभा चुनावों पर कोई चर्चा नहीं हुई. बैठक में केवल अध्यादेश पर चर्चा हुई लेकिन, इस देश को बचाने के लिए हम सभी साथ हैं और जो कुछ भी जरूरी होगा, किया जाएगा.


इस मौके पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, दिल्ली का अध्यादेश अलोकतांत्रिक है. अरविंद केजरीवाल को समाजवादी पार्टी का पूरा समर्थन है. बीजेपी अच्छे काम को बिगाड़ने का काम कर रही है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, सपा जेपी आंदोलन से निकली हुई पार्टी है. लोकतंत्र की लड़ाई में अखिलेश यादव हमारे साथ हैं. 


गौरतलब हो कि दिल्ली के ट्रांसफर-पोस्टिंग केस में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल को अब तक 9 पार्टियों का समर्थन मिल चुका है. इससे पहले अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तमिलाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं.


क्या सपा और आप का होगा गठबंधन? 


आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच हुई इस मुलाकात में गठबंधन को लेकर कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई. लेकिन बात जब विपक्षी एकता की आई तो दोनों नेताओं ने कहा कि वे इसके पक्षधर हैं.  अखिलेश यादव लगातार इस बात को कह रहे हैं कि यूपी में कोई भी विपक्षी गठबंधन बने, उसे सपा लीड करेगी और वह ही तय करेगी कि गठबंधन में किसे कितनी सीटें मिलेंगी. अरविंद केजरीवाल को अखिलेश यादव के इस सियासी लाइन से कोई दिक्कत नहीं है. यानी अध्यादेश के बहाने ही सही लेकिन विपक्षी एकता की कोशिशें दिखाई दे रही हैं. 


बता दें कि आप पिछले चुनाव में भी यूपी में सपा के साथ गठबंधन की कोशिश कर चुकी है. पिछले चुनाव में सपा से गठबंधन को लेकर संजय सिंह ने अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी. लेकिन बात बनी नहीं. इस बार विपक्षी एकता के बहाने आप को यूपी में सपा के रूप में एक पार्टनर दिखाई दे रहा है. 


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