30 दिनों का टाइम जब जम चुकी जंसकार नदी को रास्ता बना भेज दिया बुलडोज़र, चमत्कार से कम नहीं 298 KM लंबी Nimmu-Padam-Darcha सड़क
Nimmu-Padam-Darcha Road: 298 किलोमीटर लंबी निम्मू-पदम-दारचा सड़क केवल एक पास - शिनकुन ला (16,558 फीट) - को पार करती है, जिस पर बीआरओ सुरंग बनाने का काम शुरू करने वाला है.
Road To Ladakh: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 25 मार्च को लद्दाख में निम्मू-पदम-दारचा सड़क (Nimmu-Padam-Darcha Road) को जोड़ दिया. यह सड़क कारगिल-लेह हाइवे(the Kargil-Leh Highway) पर दारचा और निम्मू से गुजरते हुए मनाली को लेह से जोड़ेगी. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सड़क अब मनाली-लेह और श्रीनगर-लेह के अलावा तीसरा एक्सिस (Axis) है, जो लद्दाख को भीतरी इलाकों से जोड़ता है.
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क
298 किलोमीटर लंबी निम्मू-पदम-दारचा सड़क न केवल अन्य दो की तुलना में छोटी है, बल्कि केवल एक पास - शिनकुन ला (16,558 फीट) - को पार करती है, जिस पर बीआरओ सुरंग बनाने का काम शुरू करने वाला है.
‘जमी नदी का उठाया फायदा’
बीआरओ प्रमुख लेफ्टिनेंट-जनरल रघु श्रीनिवासन ने मंगलवार को कहा, ‘जब जनवरी में जांस्कर नदी जम गई, तो हमने इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया. हमने एडिशनल अटैकिंग प्वाइंट स्थापित करने के लिए जमी हुई नदी के किनारे उपकरणों और कर्मचारियों को काम पर लगाया. इससे काम में तेजी आई.’
‘ब्लैक टॉपिंग का काम जल्द होगा शुरू’
श्रीनिवासन ने कहा, ‘हमने अब इस महत्वपूर्ण सड़क पर कनेक्टिविटी स्थापित कर ली है. जल्द ही हम सड़क पर ब्लैक टॉपिंग का काम शुरू करेंगे. शिनकुन ला सुरंग का कंस्ट्रक्शन भी शुरू होने वाला है जिसके पूरा होने पर, लद्दाख के लिए तीसरी - हर मौसम में खुली रहने वाली - सड़क स्थापित हो जाएगी.’
‘तापमान जीरो डिग्री से नीचे फिर भी जारी रखा काम’
निडर बीआरओ कर्मचारियों ने जीरो से नीचे तापमान में तापमान में भी काम जारी रखा. अधिकारी ने कहा, ‘आखिरकार कनेक्टिविटी सोमवार को हासिल की गई, जब देश होली मना रहा था. यह दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों और प्रतिकूल मौसम के बीच बीआरओ कर्मियों द्वारा कई वर्षों की कड़ी मेहनत, परिश्रम, समर्पण और मजबूती का प्रतीक थी.’
Photo courtesy- ANI