Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में दो अलग-अलग एनकाउंटर में 3 आतंकवादियों के मारे गए हैं. सेना ने कहा- राजौरी में दो और कुपवाड़ा में बॉर्डर के पास एक आतंकी को मारे जाने की संभावना है. अभी आतंकियों के शव बरामद नहीं हुए हैं. आतंकी खराब मौसम का फायदा उठाकर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे.


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3 आतंकवादियों के मारे जाने की संभावना: सेना
सेना ने गुरुवार को कहा कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माछिल और तंगधार इलाके में चल रहे घुसपैठ विरोधी अभियान में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया है. सेना ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, "घुसपैठ की संभावना के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर, भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने 28-29 अगस्त की रात को कुपवाड़ा के तंगधार इलाके में एक संयुक्त घुसपैठ विरोधी अभियान शुरू किया. पोस्ट में आगे कहा गया है कि एक आतंकवादी के मारे जाने की संभावना है. ऑपरेशन जारी है.


सेना ने अपनी पोस्ट में क्या लिखा?
दूसरी पोस्ट में सेना ने लिखा, घुसपैठ की संभावना के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने 28-29 अगस्त 24 की रात को कुपवाड़ा के माछल इलाके में एक संयुक्त अभियान शुरू किया.
खराब मौसम में संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं और अपने सैनिकों द्वारा प्रभावी गोलीबारी की गई है, दो आतंकवादियों के मारे जाने की संभावना है. ऑपरेशन जारी है.


खराब मौसम से बाधा
तांगधार के कुशाल पोस्ट पर ताड़ गांव और माछिल सेक्टर के कुमकड़ी पोस्ट में दोनों ऑपरेशन कल देर शाम को शुरू किए गए, जब आतंकवादियों की संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं. दोनों स्थानों पर तलाशी अभियान अभी भी जारी है, हालांकि खराब मौसम और भारी बारिश के कारण अभियान में बाधा आ रही है.


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आतंकवाद मुक्त क्षेत्र में आतंकियों की फिर हलचल
हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच कई मुठभेड़ हुई हैं, जिनमें कई आतंकवादी और उनके कमांडर मारे गए हैं. सुरक्षा बलों के जवान भी हताहत हुए हैं. पुंछ और राजौरी जिलों तक सीमित आतंकवादी गतिविधियां अब जम्मू के अन्य क्षेत्रों में फैल रही हैं, ऐसे क्षेत्र जो कुछ साल पहले तक इस तरह की घटनाओं से मुक्त थे जैसे कि चिनाब घाटी, जिसे आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था. उधमपुर और कठुआ को भी आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था.


आतंकी घात लगाकर करते हैं हमला 
आतंकवादी वाहनों पर घात लगाकर हमला कर रहे हैं और ग्रेनेड के साथ-साथ एम4 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि बढ़ते आतंकवाद और आतंकवादियों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल से इन इलाकों में खतरा बढ़ गया है.


पीर पंजाल में खूब हो रही आतंकी घटना
विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर घाटी को जम्मू से अलग करने वाले पीर पंजाल क्षेत्र में आतंकवाद में वृद्धि देखी गई है. कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों ने आतंकवादियों को पहाड़ों पर धकेल दिया है जहां वे छिपते हैं और सुरक्षा बलों पर हमले करने के लिए सही समय का इंतजार करते हैं. विश्लेषकों का कहना है कि जम्मू में बढ़ते आतंकवाद से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति की आवश्यकता है, जिसमें खुफिया जानकारी जुटाना और सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय शामिल है.


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