नई दिल्ली : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के लिए वित्त वर्ष 2016-17 में 43 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई, लेकिन 32.69 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके. लोकसभा में दिनेश त्रिवेदी के प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इसके साथ ही  लोकसभा सरकार ने जानकारी दी कि  वित्त वर्ष 2015-16 में सार्वजनिक क्षेत्र के 165 केंद्रीय उपक्रम लाभ में थे जबकि 78 उपक्रमों को नुकसान उठाना पड़ा. 


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मंत्री ने दी लोकसभा में जानकारी
कुमार ने कहा कि इस योजना के लिए 2016-17 में कुल 43 रुपये की राशि जारी की गई और 32.69 करोड़ रुपये खर्च हुए. मंत्री ने कहा कि लिंगानुपात घटने की समस्या पर अंकुश लगाने के मकसद से शुरू की गई इस योजना की पिछले तीन वर्षों में काफी सराहना हुई है और जिला स्तर पर इस संदर्भ में कई कदम भी उठाए गए हैं.


'देश में 165 केंद्रीय उपक्रम लाभ की स्थिति में'
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में सार्वजनिक क्षेत्र के 165 केंद्रीय उपक्रम लाभ में थे जबकि 78 उपक्रमों को नुकसान उठाना पड़ा. लोकसभा में लल्लू सिंह, एम बी राजेश और कौशल किशोर के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने यह जानकारी दी. 


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मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रम विभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार वर्ष 2015-16 में सार्वजनिक क्षेत्र के 165 केंद्रीय उपक्रम लाभ की स्थिति में थे जबकि 78 उपक्रमों को हानि हुई. उन्होंने कहा कि इसी अवधि में एक केंद्रीय उपक्रम ऐसा रहा जिसे कोई लाभ या हानि नहीं हुई.


जीएसटी के तहत करीब एक लाख करदाता पंजीकृत हुए
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में पिछले साल के आखिर तक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कल कुल 99,25,220 करदाता पंजीकृत हुए जिनमें 35,15,928 नए करदाता शामिल हैं. लोकसभा में चंद्रकात खैरे के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने यह जानकारी दी. 


उन्होंने कहा, ‘‘31 दिसंबर, 2017 की स्थिति के अनुसार जीएसटी के अंतर्गत 99,25,220 करदाता पंजीकृत हैं जिनमें पहले से मौजूद 64,09,292 करदाता शामिल हैं. 35,15,928 करदाताओं ने जीएसटी के तहत नया पंजीकरण कराया है.’’ मंत्री ने कहा कि दिसंबर, 2017 तक केंद्रीय जीएसटी के तहत 1,09,661.20 करोड़ और राज्य जीएसटी के तहत 1,67,730.71 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ.


(इनपुट - भाषा)