नई दिल्ली: संसद में नागरिकता संशोधन बिल पास कराने के साथ ही मोदी 2.0 सरकार ने साल खत्म होने से पहले अपने बड़े चुनावी वादों को पूरा करने की हैट्रिक लगा दी है. 6 महीने पहले जब मोदी सरकार दोबारा प्रचंड बहुमत से सरकार में आई, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी ऐसे फैसलों की झड़ी लगा देगी, जो दशकों से अटके पड़े थे. 


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शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन बिल पर नया कानून बनाकर मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि 2024 तक वो अपने सभी राजनीतिक एजेंडे को पूरा करके ही दम लेगी. नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में बहस के दौरान जब कांग्रेस ने सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए तो खुद गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभालते हुए साफ कह दिया है कि वो देशहित के फैसले लेते रहेंगे. 


मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसलों के पीछे समन्वय का इतिहास है जो पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बीच दिख रहा है. इसी समन्वय के बल पर मोदी और शाह की जोड़ी ने असंभव को संभव कर दिखाया है और 2019 को फैसलों के क्रांति का साल बना दिया है. 


मोदी सरकार के क्रांतिकारी फैसले: 
1. शरणार्थियों के लिए नागरिकता संशोधन बिल 
2. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का अंत
3. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश
4. ट्रिपल तलाक के खिलाफ संसद से कानून
5. आतंक के खिलाफ NIA और UAPA कानून


अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी-शाह की जोड़ी ने कई ऐसे क्रांतिकारी फैसले लिए हैं, जिसकी राह हर देशवासी 70 सालों से देख रहा था. पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि फिलहाल ये सिलसिला यहीं रुकने वाला नहीं है. 2019 में बीजेपी को जबरदस्त बहुमत मिलने के बाद पीएम मोदी और अमित शाह जनता के भरोसे पर पूरी तरह खड़ा उतर रहे हैं. ऐसे सारे एजेंडे जो जनसंघ के समय से चले आ रहे थे वो एक के बाद एक पूरे हो रहे हैं. इन सारे क्रांतिकारी फैसले का श्रेय मोदी-शाह की जोड़ी को ही जाता है. माना जा रहा है कि मोदी सरकार के अगले एजेंडे में कॉमन सिविल कोड,जनसंख्या नियंत्रण कानून शामिल है. इस सरकार के हर ऐतिहासिक फैसले के बाद लोगों की नजरें अमित शाह की ओर उम्मीदों से देखती हैं..क्योंकि पीएम मोदी के हर सपने को मुमकिन बनने वाले अमित शाह ही हैं तो इंतजार इस जोड़ी की अगली क्रांति का है.