खंडवा: अपनी मासूम बेटी की आखरी तमन्ना पूरी करने के लिए पूरा परिवार स्कूल पहुंचा और सभी बच्चों को चॉकलेट बांटी. यह वही बेटी थी जो शुक्रवार की सुबह ऑटो में बैठकर स्कूल के लिए निकली थी लेकिन ट्रक और ऑटो की टक्कर में उसकी मौत हो गई. इस हादसे में 6 बच्चे भी घायल हुए थे. मृत बच्ची छह माही परीक्षा में अपनी क्लास में टॉप आई थी और स्कूल जाते समय उसने अपनी माँ से क्लास में चॉकलेट बांटने की ख्वाहिश जताई थी. स्कूल का समय हो जाने की वजह से माँ ने अगले दिन उसकीयह ख्वाहिश पूरी करने का वादा किया था. लेकिन इस हादसे ने इस परिवार को ऐसा दर्द दिया जिसका अफसोस जिंदगी भर उन्हें सताता रहेगा. इसी दर्द को स्कूली बच्चों के बीच बाँट कर परिवार ने इस हादसे से उबरने की कोशिश की.


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एक मासूम का अनायास ही दुनियां छोड़ जाने का गम क्या होता है यह एक माँ से बेहतर शायद ही किसी ने महसूस किया होगा. खंडवा में भी तीन दिन पूर्व भी ऐसा ही हुआ. जहां सड़क हादसे में अपनी बेटी को खोने के बावजूद अपनी बेटी की आखिरी तमन्ना पूरी करने बच्ची के परिजन स्कूल पहुंचकर बच्ची की आखिरी तमन्ना पूरी की. 



सड़क हादसे का शिकार हुई उम्मे एमीन शुक्रवार को सुबह ऑटो में बैठकर स्कूल के लिए निकली लेकिन वापस नही लौट सकी. तीसरी कक्षा की उम्मे अर्धवार्षिक परीक्षा में अपनी कक्षा में टॉप पर आई थी. यह है अपनी बेटी को खोने वाला परिवार जिसे ताउम्र अपनी लाडली को खोने का गम सालता रहेगा.


तीन दिन पूर्व खंडवा में हुए एक भयानक सड़क हादसे में एक ट्राले ने स्कूली बच्चों से भरी एक ऑटो को टक्कर मार दी थी जिसमे सात साल की बच्ची उम्मे एमन की मौके पर हीं मौत हो गई थी. इस दर्द नाक हादसे में उम्मे एमन का  परिवार उबर नही पाया है. इसके बावजूद मृत बच्ची की अधूरी हसरतों को पूरा करने के लिए गमगीन परिवार ने बच्ची की स्कूल में जाकर उसके दोस्तों को चोकलेट और टॉफियां बांटी.


हादसे वाले दिन 11 अक्टूबर शुक्रवार को उम्मे एमीन ने अपनी मां से क्लास में बच्चों को टॉफी बांटने के लिए टॉफी की मांग कर रही थी. लेकिन जल्दी-जल्दी स्कूल भेजने के चक्कर में उसकी मां ने टॉफी देने से इंकार कर दिया था. जिस कारण उम्मे अपनी मां को बिना बाय किए नाराज होकर स्कूल चली गई थी. उम्मे के पिता कुतुबुद्दीन दुबई गए हुए थे.


घर से ऑटो जाने के कुछ देर बाद ही जब उम्मे के इस दुनिया से चले जाने की खबर आई तब मानो पूरे परिवार पर आसमान गिर गया हो. अपनी बच्ची की इस आखिरी ख्वाहिश को पूरा नहीं कर पाने के दुःख को कम करने के लिए उम्मे की छोटी बहन और परिवार ने  स्कूल में चॉकलेट बांटी. इस  क्षण पर पिता की जबान दर्द के आगे बेबस हो गई.