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Bisalpur Dam: बीसलपुर बांध से एक दिन में जयपुर, टोंक और अजमेर शहरों के 50 दिन का पानी बह गया, जो अफसरों की लापरवाही के कारण हुआ. बांध के ओवरफ्लो होने से शुक्रवार को 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इन तीनों शहरों के लिए 50 दिन की पेयजल सप्लाई के बराबर है. इस घटना से ईसरदा बांध भी खाली हो गया है.
छोड़ा गया 36 हजार क्यूसेक पानी
बांध के गेट खुलने से दोपहर तक 12 हजार क्यूसेक और शाम होते-होते 36 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से ईसरदा बांध में पानी जमा होने की उम्मीदें धराशायी हो गईं. यदि निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो ईसरदा बांध भी 2 दिन में भर जाता और पानी की बचत हो सकती थी.
ईसरदा बांध से जयपुर के रामगढ़ बांध तक पाइपलाइन लाइन बिछाने की योजना है, लेकिन डीपीआर तैयार होने में समय लग रहा है. रामगढ़ बांध की मौजूदा क्षमता 55 मिलियन क्यूबिक मीटर है, जो बह रहे पानी से एक दिन में लबालब हो जाती. इस स्थिति में सवाल यह है कि इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या अफसरों और नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा या फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
ईसरदा बांध की क्षमता 92 मिलियन क्यूबिक मीटर
सवाई माधोपुर जिले में निर्माणाधीन ईसरदा बांध की क्षमता 92 मिलियन क्यूबिक मीटर है, लेकिन देरी के कारण अब तक केवल 78 प्रतिशत काम हो पाया है. कोरोना और यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण नीदरलैंड से उपकरण नहीं आने के कारण देरी हुई है. बीसलपुर बांध से 24 घंटे में औसतन 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 50 मिलियन क्यूबिक मीटर होता है. आगामी दिनों में और पानी छोड़े जाने की संभावना है, जिससे ईसरदा बांध भर जाएगा.
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