नई दिल्ली: बिहार का 86 साल से अधूरा सपना कल पूरा होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कल दोपहर 12 बजे ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु (Kosi Rail Mahasetu) राष्ट्र को समर्पित करेंगे. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस पुल का उद्घाटन करेंगे.  
 
कोसी रेल महासेतु का महत्व
महासेतु के शुरू होने से आसपास के क्षेत्र के लोगों का उत्तरपूर्वी क्षेत्रों के साथ संपर्क काफी आसान हो जाएगा. बता दें कि 1887 में निरमाली और भापतियही (सरायगढ़) के बीच मीटर गेज का निर्माण किया गया था. भारी बाढ़ और 1934 में आए विनाशकारी भूंकप (Earthquake) से यह रेल लिंक बह गया. बाद में कोसी नदी में बाढ़ के खतरे को देखते हुए दोबारा इस पुल को बनाने की कोशिश नहीं हुई. सरकार ने साल 2003-04 को कोसी मेगा ब्रिज प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी. इस 1.9 किमी लंबे महासेतु को बनाने में 516 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस पुल से नेपाल सीमा पर भारत की स्थिति मजबूत होगी.


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12 और परियोजनाओं का उद्घाटन
कोसी रेल महासेतु के अलावा बिहार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे की 12 दूसरी परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे. इनमें किउल नदी पर पुल, दो नई रेलवे लाइंस, मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी, समस्तीपुर-दरभंगा-जयनगर, समस्तीपुर-खगड़िया और भागलपुर-शिवनारायणपुर 5 इलेक्ट्रिफिकेशन प्रोजेक्‍ट, एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव शेड की परियोजना, बारा-बख्तियारपुर के बीच तीसरी रेलवे लाइन परियोजना शामिल हैं.


सहरसा-असनपुर कुफा डेमो ट्रेन को करेंगे रवाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल ही सुपौल स्टेशन से सहरसा-असनपुर कुफा डेमो ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. जब ट्रेनों का सामान्य परिचालन शुरू होगा तो इस ट्रेन को नियमित समय-सारणी से चलाया जाएगा. इस ट्रेन के चलने से सुपौल-अररिया और सहरसा जिलों में रहने वालों को सीधा फायदा होगा. इस क्षेत्र के लोगों के लिए दिल्ली, मुंबई और कोलकाता तक जाने के लिए कनेक्टिंग ट्रेन लेना भी आसान हो जाएगा.


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