Narendra Modi Govt: मोदी सरकार को देश की सत्ता में आए 9 साल हो चुके हैं. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार जनता के बीच पकड़ और मजबूत बनाना चाहती है. इसके मद्देनजर केंद्रीय मंत्रियों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. हर मंत्री को एक महीने में 8 दिन अलग-अलग संसदीय क्षेत्रों में गुजारने हैं.


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मोदी सरकार के 9 साल के अवसर पर बीजेपी के महासंपर्क अभियान के लिए मंत्रियों की तैनाती की जाएगी. हर केंद्रीय मंत्री को 4 लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. हर मंत्री को ऐसी सभी लोकसभा सीटों पर 2-2 दिन गुजरने का निर्देश दिया गया है. इस तरह इस एक महीने में ये मंत्री 8 दिन तक इन लोक सभा सीटों पर रहेंगे. ये कार्यक्रम बीजेपी के तैयार किए गए 1 महीने के महासंपर्क अभियान का ही अहम हिस्सा है. पार्टी ने 30 मई से 30 जून तक एक महीने का महासंपर्क अभियान चलाने का फैसला लिया है.


इस अभियान में संगठन पदाधिकारियों और केंद्रीय मंत्रियों के अलावा प्रदेश के सभी अहम नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है. राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इस 1 महीने के महासंपर्क अभियान में अपना रोल निभाना है. जहां तक केंद्रीय मंत्रियों का सवाल है, उनकी अलग-अलग राज्यों में तैनाती तय कर दी गई है.


कौन से मंत्री कहां रहेंगे?


केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर को दिल्ली में रहना है. जबकि हरदीप सिंह पुरी को जम्मू-कश्मीर में अपनी ड्यूटी निभानी होगी. निर्मला सीतारमन के पास कर्नाटक की जिम्मेदारी होगी जबकि भूपेन्द्र यादव महाराष्ट्र, पीयूष गोयल राजस्थान, नरेंद्र सिंह तोमर यूपी, धर्मेंद्र प्रधान और स्मृति ईरानी पश्चिम बंगाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराष्ट्र, अर्जुन राम मेघवाल पंजाब, वी मुरलीधरन आंध्र प्रदेश और किरेन रिजीजू असम में रहेंगे. इनके अलावा पार्टी नेताओं और सांसदों को भी जिम्मेदारी दी गई है.


सांसदों के पास होंगी ये जिम्मेदारियां


केंद्रीय मंत्रियों के अलावा, गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी दिल्ली, संबित पात्रा त्रिपुरा, विनोद तावड़े बिहार, त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब देब हरियाणा, हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर हरियाणा, बीजेपी महासचिव तरुण चुग एमपी, सुनील बंसल तेलंगाना, दिलीप सैकिया प बंगाल, सी टी रवि तमिलनाडु, तेजस्वी सूर्या और शाहनवाज़ हुसैन यूपी में रहेंगे .


गौरतलब है कि ये वही 160 लोक सभा सीटें हैं जहां बीजेपी कमजोर है. इन सीटों पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी या तो कम अंतर से जीती या फिर दूसरे नंबर पर रही या फिर कभी जीती ही नहीं.


बीजेपी की रणनीति है कि इन कमजोर सीटों पर मोदी सरकार के 9 साल के मौके पर जन संपर्क बढ़ाया जाए. मोदी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाया जाए और उनसे फीडबैक लिया जाए. इस महासंपर्क अभियान में लाभार्थियों पर खासतौर से फोकस किया जाएगा. लाभार्थियों से लिए गए फीडबैक के आधार पर पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में अपनी रणनीति को और धारदार बनाने की कोशिश करेगी.