Delhi Budget: दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी (Atishi) ने सोमवार को विधानसभा में आप सरकार का दसवां बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने केजरीवाल सरकार की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने विशेष तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कामों का उल्लेख किया. इस दौरान आतिशी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़े दो बच्चों - शिल्पी (Shilpi) और हिमाशुं (Himanshu) के संघर्ष की कहानी का जिक्र किया.


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वित्त मंत्री ने कहा, 'दिल्ली की इस दस साल की बदलती हुई तस्वीर में अगर कोई एक सबसे बड़ा बदलाव हुआ है तो वो सरकारी स्कूलों में हुआ है. आज एक गरीब परिवार का बच्चा एक आम परिवार का बच्चा दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़कर किसी भी ऊंचाई को छू सकता है.'


फैक्ट्री मजदूर की बेटी बनेगी मैनेजिंग डायरेक्टर
आतिशी ने कहा, 'रोहिणी सेक्टर 23 में दिल्ली सरकार के स्कूल मे पढ़ी शिल्पी के पिताजी एक छोटे सी फैक्ट्री में काम करते थे. शिल्पी भी घर का खर्च चलाने में मदद करती थी और आस पड़ोस के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी.'


वित्त मंत्री ने कहा, 'अपने स्कूल के शिक्षकों की मदद से और बढ़ते हुए शिक्षा के स्तर की वजह से शिल्पी ने आईआईटी जेई का एग्जाम क्लीयर किया. आज वह आआईटी जेई में केमिकल इंजीनियरिंग पढ़ रही है. यानी एक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर की बेटी आने वाले समय में खुद एक फैक्ट्री की मैनेजिंग डायरेक्टर बनेगी. '


मजदूरी करने वाला हिमांशु कर रहा एमबीबीएस
इसी तरह आतिशी ने अपने बजट में दिल्ली के स्कूल में पढ़ने वाले हिमाशु का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के नंद नगरी के स्कूल में पढ़ने वाले हिमांशू भी बड़ी मुश्किल परिस्थिति में जी रहा था जब वह 11वीं पढ़ रहा था तो उसके पिता की मृत्यु हो गई. अपना घर चलाने के लिए वो स्कूल के बाद मजदूर भी करता था.’


वित्त मंत्री ने कहा, ‘सरकारी स्कूल में पढ़ाई का स्तर अच्छा होने की वजह से हिमांशु ने नीट का एग्जाम क्लीयर कर दिया. आज वह दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है.’