Pakistan Lashkar E Taiba Abdul Rehman Makki: आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा(LeT) के उप प्रमुख और इसके विदेशी मामलों के विंग के पूर्व प्रमुख, अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) द्वारा वैश्विक आतंकवादी (Global Terrorist) घोषित किया गया है उसका कनेक्शन मुंबई हमलों (Mumbai Attack) से भी है. सूत्रों के मुताबिक उसने वो पाकिस्तानी लश्कर ऑपरेटिव, साजिद मजीद उर्फ ​​​​साजिद मीर उर्फ ​​​​वसी का मेंटर था जो 2008 में लश्कर द्वारा प्रायोजित 26/11 मुंबई हमलों का भगोड़ा सह-मास्टरमाइंड था. जिस हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे.


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मुंबई हमले में मिला कनेक्शन


26/11 हमले की जांच करने वाले सूत्रों के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के इस आतंकवादी ने कुछ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के अधिकारियों की मदद से आतंकी हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में कथित रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.


साजिद ने ही व्यक्तिगत रूप से पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली की गतिविधियों को निर्देशित किया था, हमले से महीनों पहले शहर में अपनी कई टोही यात्राओं में मुंबई में 26/11 के हमलों के लक्ष्यों का सर्वेक्षण करने के लिए  हेडली ने सितंबर 2006 से जुलाई 2008 तक आठ बार भारत का दौरा किया. आखिरकार उसे 3 अक्टूबर, 2009 को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था.


विदेश मामलों की शाखा का प्रमुख है मक्की


एक अधिकारी ने बताया कि 12 साल पहले तक, मक्की लश्कर की विदेश मामलों की शाखा का प्रमुख था, जो विदेशियों को कट्टरपंथी बनाने और उनकी भर्ती करने और विदेशों में स्लीपर मॉड्यूल स्थापित करने में शामिल था. उसने उस समय साजिद का मार्गदर्शन किया था. सूत्र ने यह भी कहा कि इन जानकारियों की पुष्टि हेडली ने भी की थी, जब जून 2010 में अमेरिका में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने उससे पूछताछ की थी.


हाफिज सईद का रिश्तेदार है मक्की


सूत्र ने ये भी कहा, 'डेविड हेडली ने खुलासा किया था कि अब्दुल रहमान मक्की लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद का चचेरा भाई था, जो उसके मामा का बेटा था और लश्कर का विदेशी मामलों का प्रभारी था.'  एनआईए (NIA) की पूछताछ के दौरान, हेडली ने कहा कि 26/11 हमलों के सह-मास्टरमाइंड साजिद माजिद उर्फ ​​​​वासी ने विदेशी मामलों के सेल में मक्की के साथ काम किया था और वो उसका निजी सहायक था. साजिद ही बाद में हेडली का हैंडलर बन गया.


इंटरपोल की थी नजर


इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के अनुसार, साजिद ने मुंबई हमलों के लिए लक्ष्यों की निगरानी करने के लिए हेडली को कथित रूप से वित्तीय और रसद सहायता प्रदान की थी, जो भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर उसके खिलाफ जारी किया गया था. 


साजिद को आतंकवादी संगठन द्वारा कई देशों में भेजा गया था और उसने कई पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था.  सूत्र ने कहा, 'हेडली के अनुसार, साजिद ने भारत, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और कनाडा समेत कई देशों का दौरा किया था.'


PoK में हुई थी ये पुष्टि


साजिद उन लोगों में से एक था जिन्होंने 26/11 के मुंबई हमलों को कराची के मालिर इलाके में एक कंट्रोल रूम से अंजाम दिया था. ये लोग 30 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में संगठन के बैतुल मुजाहिदीन शिविर में भाग गए थे. वहीं पर उन्हें इस बात की पुष्टि हुई थी कि मुंबई में 26/11 के हमलों को अंजाम देने वाले 10 आत्मघाती हमलावरों में से एक अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया है.


26 नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादी समुद्र के रास्ते पहुंचे थे, और शहर की घेराबंदी की, विभिन्न स्थानों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं और 18 पुलिस कर्मियों सहित 166 लोगों को मार डाला था. 


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