Aditya L1 undergoes fourth earth-bound: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) सूरज की पड़ताल करने के अपने महत्वाकांक्षी मिशन में अब एक कदम और आगे बढ़ गई है. एजेंसी ने अपनी हालिया कामयाबी में आदित्य एल1 की अर्थ ऑर्बिट को चौथी बार बढ़ाने का काम आज तड़के सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. सूरज से कुछ और फासला कम होने के बाद आदित्य एल1 को अब 256 किमी. x 121973 किमी. की नई ऑर्बिट हासिल हो गई है.


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19 सितंबर को क्या करेगा Aditya L1, क्यों हो सकती है वो रात भारी? 


इसरो ने सोशल मीडिया कंपनी एक्स पर शेयर की एक पोस्ट में इस अहम पड़ाव के पूरा होने की जानकारी दी है. जानकारी के मुताबिक मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने इस ऑपरेशन के दौरान आदित्य एल1 को ट्रैक किया. इसके बाद आदित्य एल1 को 256 किमी. x 121973 किमी. की नई ऑर्बिट हासिल हो गई है. इसरो ने बताया है कि आदित्य एल1 की अगली ऑर्बिट बदलने की कार्रवाई 19 सितंबर को लगभग 2 बजे निर्धारित की गई है.


इस प्रॉसेस को EBN#5 कहा जा रहा है. वो धरती के चारों तरफ उसका आखिरी ऑर्बिट मैन्यूवर होगा. धरती के चारों तरफ ऑर्बिट इसलिए बदला जा रहा है ताकि वह इतनी गति हासिल कर ले कि वह आगे के सफर को आसानी से पूरा कर सके. इसके बाद अपना यान सूरज की तरफ मौजूद L1 प्वाइंट यानी लैरेंज प्वाइंट की तरफ निकल जाएगा, जो पृथ्वी और सूर्य के बीच एक संतुलित गुरुत्वाकर्षण स्थान है. आगे वो करीब 109 दिन की यात्रा हैलो ऑर्बिट में करेगा. बताया जा रहा है कि धरती से सूरज की ओर बढने का अगला चरण काफी मुश्किलों भरा हो सकता है. ऐसे में अब सभी की निगाह 19 सिंतबर को होने वाले अगले प्रॉसेस पर टिकी हैं. 


कब मिलेगी सूरज की पहली तस्वीर?


इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक आदित्य-L1 से सूरज की पहली तस्वीर अगले साल फरवरी या मार्च में मिल सकती है. मिशन में लगा VELC सूरज की HD फोटो लेगा. L1 तक का सफर पूर होने के बाद आदित्य में लगे सारे पेलोड्स ऑन किए जाएंगे. यानी उसमें मौजूद सभी यंत्र एक्टिव हो जाएंगे. जिसके बाद वो अपना काम शुरू करते हुए सूरज की स्टडी शुरू कर देंगे. गौरतलब है कि इससे पहले आदित्य ने बीच रास्ते से अपनी सेल्फी भेजी थी. इसरो के अबतक के सभी चरण कामयाब रहने से स्पेस वर्ल्ड में भारत का मान और बढ़ गया है.


(इनपुट: PTI)