नई दिल्ली (निवृति मोहन): यहां हम आपको हरियाणा के मेवात की रहने वाली एक ऐसी लड़की की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसने पढ़ाई के लिए उस वक्त अपना घर छोड़ दिया जब उसके पिता और भाइयों ने तय कर लिया था कि 14 साल की छोटी सी उम्र में वो लोग उसकी शादी कर देंगे. लेकिन, वह लड़की हार कर चुप बैठने वालों में नहीं थी. वो जिंदगी में कुछ कर गुजरना चाहती थी, अपने सपने पूरा करने चाहती थी. उन्हीं सपनों के लिए उसने अपनों का साथ छोड़ दिया और आज आलम यह है कि उसके टीचर को उस पर नाज है. छोटी सी उम्र में लिए गए इतने बड़े फैसले के चलते ही उस पर एक शॉर्ट फिल्म भी बन चुकी है.


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पढ़ाई के लिए छोड़ दिया घर और गांव
आपको बता दें कि ये कहानी हरियाणा के मेवात की रहने वाली अफसाना की है. जिसकी जिंदगी से प्रोत्साहित होकर छात्रों के एक ग्रुप ने एक शॉर्ट फिल्म बना डाली है. इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह अफसाना ने पढ़ने के लिए सारी मुश्किलों को हरा दिया. जानकारी के मुताबिक अफसाना अपने माता-पिता और भाई-बहन के साथ मेवात में रहती थी. पढ़ाई में अफसाना बहुत अच्छी थी. परीक्षा में हमेशा अव्वल आती. लेकिन, उसके पिता और भाई उसकी जबरन शादी करवाना चाहते थे. आपको हैरानी होगी कि जिस वक्त उसके घर वालों ने उसकी शादी का फैसला लिया उस वक्त अफसाना महज 14 साल की थी.



हरियाणा-दिल्ली-हरियाणा वाया राजस्थान
अफसाना शादी नहीं करना चाहती थी. वह अभी पढ़ना चाहती थी. उसके जेहन में असके टीचर्स की आवाजें गूंजती रहती थीं, जो ये कहती थीं कि अफसाना तुम कुछ कर सकती हो. यही वजह थी कि एक शाम वो उठी और घर से भाग खड़ी हुई. ये जानते हुए कि इलाका खतरनाक है. अफसाना एक रात खेतों में फसल का बिछावन बिछा कर सोई. फिर ट्रेन पकड़ी और दिल्ली पहुंच गई. जहां उसे एक महिला मिली और राजस्थान में एक संस्थान में ले गई. घूमते-घूमते आखिर वो हरियाणा में ही दीपालय नाम की एनजीओ के पास पहुंच गई. जिन्होंने आखिरकार उसे पढ़ाने की जिम्मेदारी ले ली. अब वो वहीं पढ़ रही है और खुश है.



सीधे सवाल का सीधा जवाब
जी मीडिया की टीम ने जब अफसाना से फूछा कि आखिर क्यों घरवाले उसकी शादी करवाना चाहते थे. तो उसका जवाब था, "क्योंकि वो एक लड़की है..."


अब अपने घर वापस नहीं जा सकती अफसाना
अफसाना के मुताबिक अब वह कभी घर नहीं जा सकती क्योंकि गांव के मुखिया ने उसे अपनाने से मना कर दिया है. इसलिए अफसाना ने भी तय किया है कि वो घर नहीं जाएगी. अफसाना के प्रिंसिपल को भी उससे बड़ी उम्मीदें हैं.



दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी देखी अफसाना पर बनी फिल्म
दीपालय में ही अफसाना छात्रों के 'ईव' नाम के एक ग्रुप से मिली जिन्होंने सामाज कल्याण के उद्देश्य से उसके जीवन पर एक शॉर्ट फिल्म बनाई. रविवार को दिल्ली के एक स्कूल के ऑडिटोरियम में इस फिल्म का प्रीमियर आयोजित किया गया था. फिल्म ने ऑडियंस को अफसाना की हिम्मत को सलाम करने पर मजबूर कर दिया. प्रीमियर में मौजूद मेहमानों में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल थे.