Covid 19 महामारी के बाद दिल्ली में बर्थ रेट तेजी से घटा, ये आंकड़े कर देंगे हैरान
Covid 19: कोविड-19 महामारी के बाद, दिल्ली में जन्म दर में गिरावट आयी है और यह प्रति 1,000 अबादी पर 18.35 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2000 में 14.85 हो गई. सरकार की नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
Covid 19: कोविड-19 महामारी के बाद, दिल्ली में जन्म दर में गिरावट आयी है और यह प्रति 1,000 अबादी पर 18.35 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2000 में 14.85 हो गई. सरकार की नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. ‘दिल्ली में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण पर वार्षिक रिपोर्ट-2023’ में यह भी कहा गया है कि 13,919 गैर-संस्थागत प्रसव में 7,216 (51.84 प्रतिशत) लड़कियों का जन्म हुआ.
गैर-संस्थागत प्रसव अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर होने वाले प्रसव हैं जो कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं कराता है. रिपोर्ट के अनुसार, कुल 3,01,168 संस्थागत प्रसव में से 1,94,428 (64.56 प्रतिशत) सरकारी अस्पतालों में हुए. कुल संस्थागत प्रसव में 1,43,891 (47.78 प्रतिशत) लड़कियों ने जन्म लिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक पंजीकरण प्रणाली से उभरने वाले महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक जन्म दर है, जो 2005 से 2019 के बीच प्रति 1,000 आबादी पर 18-22 के बीच रही.
हालांकि, कोविड-19 महामारी के बाद, 2020-2023 तक जन्म दर प्रति 1,000 जनसंख्या पर 13-15 के बीच रही. लेकिन, रिपोर्ट में आंकड़ों में गिरावट का कारण नहीं बताया गया है. वर्ष 2019 में जन्म दर प्रति 1,000 आबादी पर 18.35 थी, जबकि 2020 में यह घटकर 14.85, 2021 में 13.13 और फिर 2022 और 2023 में क्रमशः 14.24 और 14.66 हो गई. वर्ष 2023 में बच्चों के जन्म की कुल संख्या में से 95 प्रतिशत से अधिक चिकित्सा संस्थानों से हैं. संस्थागत प्रसव लगातार बढ़ रहा है. 2005 में यह केवल 73.72 प्रतिशत था.
वर्ष 2023 के दौरान कुल पंजीकृत प्रसव में संस्थागत प्रसव का अनुपात वर्ष 2022 की तुलना में (1.56 प्रतिशत) बढ़ गया है. वर्ष 2023 में अस्पतालों में कुल 3,01,168 बच्चों के जन्म हुए, अर्थात वर्ष 2023 के दौरान अस्पतालों में प्रतिदिन औसतन 825 बच्चों के जन्म हुए. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल, अस्पतालों और घरों में मृत्यु होने के दर्ज आंकड़ों के बीच 67:33 का अनुपात रहा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)