Robert Vadra DLF Land Grab Case: हरियाणा सरकार (Haryana Govt) ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (High Court) को बताया कि कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा रियलिटी कंपनी डीएलएफ (DLF land grab case) को जमीन हस्तांतरित करने में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया. ये जांच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा और कुछ अन्य के खिलाफ सितंबर 2018 में गुरुग्राम में दर्ज हुई एक एफआईआर (DLF Deal FIR) से जुड़ी है.


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हरियाणा सरकार का बयान


अदालत में बुधवार को दाखिल एक हलफनामे में सरकार ने कहा, ‘गुरुग्राम में मानेसर के तहसीलदार ने बताया कि मेसर्स स्काइटलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर 2012 को मेसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची तथा इस लेनदेन में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया.’


आगे की कार्रवाई जारी


बहरहाल, हरियाणा पुलिस इस सौदे के दौरान हुए वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है. हलफनामे में कहा गया है, ‘आगे की जांच के लिए 22 मार्च 2023 को एक नयी एसआईटी का गठन किया गया जिसमें डीसीपी, दो एसीपी, एक इंस्पेक्टर तथा एक एएसआई है.’ आपको यहां पर हम बताते चलें कि हरियाणा में पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान हुए जमीन सौदों में अनियमितताओं का आरोप लगाया था तथा 2014 के चुनावों में इसे प्रमुख मुद्दा बनाया था.


लैंड डील में अनियमितताओं का लगा था आरोप


सरकारी हलफनामे के मुताबिक, 'गुरुग्राम (Gurugram) के खेड़की दौला पुलिस स्टेशन में आईपीसी (IPC) और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून (anti-corruption law) के विभिन्न प्रावधानों के तहत सितंबर 2018 में हुड्डा तथा कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ एक FIR दर्ज की गयी. नूंह निवासी सुरिंदर शर्मा की शिकायत पर दर्ज इस प्राथमिकी में भूमि सौदों में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था.


वाड्रा-हुड्डा ने किया था आरोपों से इनकार


बहरहाल, कांग्रेस, हुड्डा और वाद्रा ने कुछ गलत करने से हमेशा इनकार किया था. हलफनामे में कहा गया है, ‘गुरुग्राम के वजीराबाद के तहसीलदार से मिली रिपोर्ट के अनुसार, यह साफ है कि जमीन मेसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के नाम पर नहीं पायी गयी और यह जमीन अब भी एचएसवीपी/एचएसआईआईडीसी, हरियाणा के नाम पर है.’


सितंबर 2018 की प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि गुरुग्राम के वजीराबाद में 350 एकड़ भूमि डीएलएफ को नियमों का उल्लंघन कर आवंटित की गई.


जांच में इन बिंदुओं पर काम बाकी


यह हलफनामा गुरुग्राम के पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) डॉ. राज श्री सिंह ने अदालत में दाखिल किया. इसमें कहा गया है कि एसआईटी ने अभी कुछ पक्षकारों के बयान दर्ज नहीं किए है जबकि मामले में शामिल विभिन्न बैंकों तथा कुछ सरकारी विभागों से कुछ रिकॉर्ड या स्पष्टीकरण मिलने बाकी है.


भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अशोक खेमका ने गुरुग्राम जिले में मानेसर-शिकोहपुर में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी तथा डीएलएफ के बीच हुए 3.5 एकड़ के भूमि सौदे के नाम परिर्वतन को रद्द कर दिया था. नाम परिवर्तन किसी जमीन के मालिकाना हक को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया का हिस्सा होता है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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