नई दिल्ली: एक बार फिर चीन ने अपना विश्वासघाती चरित्र दिखाया है. गलवान और पैंगोंग में चीन को पराजय मिली तो शी जिनपींग की सेना नए मोर्चे पर तनाव पैदा करने में जुट गई है. अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चीन की नई साजिश की पोल खुल गई है. अरुणाचल प्रदेश के पास एलएसी (LAC) पर 6 इलाकों में चीन ने जवानों की तैनाती बढ़ाई है. अपर सुबानसिरी के असापिला, लोंगजू, बीसा और माझा में तनाव है. चीन ने अरुणाचल के बीसा में एलएसी के पास सड़क भी बनाई है. भारतीय सेना चीन की चुनौती का जवाब देने के लिए तैयार है. अरुणाचल प्रदेश में  LAC के 4 संवेदनशील क्षेत्रों में सेना सतर्क है.   


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पश्चिमी सीमा पर पिटने के बाद चीन पर पूरब में षड्यंत्र का जाल बुन रहा है. खास बात ये है कि चीन की सेना की गतिविधियां उन इलाकों में विशेष रूप से देखी जा रही हैं जहां 1962 में दोनों देशों की सेना के बीच संघर्ष हुआ था. सूत्रों के मुताबिक 1962 के युद्ध के समय के 6 विवादित इलाकों में और 4 संवेदनशील इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है. चीन अपर सुबानसिरी जिले के असापिला, लोंगजू, बीसा और माझा में तनाव के हालात पैदा करने की कोशिश में है. खबर है कि चीन ने बीसा के पास एलएसी के पास एक सड़क भी तैयार की है.  


चीन की इस नई साजिश से एक बार फिर साबित होता है की उसकी कथनी और करनी कभी एक नहीं हो सकती. चीन एलएसी पर तनाव घटाने का दावा करता है लेकिन उसका रवैया आक्रामक है लेकिन चीन की किसी भी हरकत से निपटने के लिए हिंद की सेना पूरी तरह तैयार है. चीन की चुनौती से निपटने के लिएर पैट्रोलिंग बढ़ाई गई है. 


चीन पूरे असापिला सेक्टर पर अपना दावा करता है. असापिला रणनितिक रूप से अहम इलाका है इस पर नियंत्रण कर के चीन भारत दबाव बनाने की साजिश में है लेकिन बेहद ऊंचाई पर स्थित असापिला सेक्टर में सर्दियों में चीन की सेना यहां टिकने की हिम्मत नहीं जुटा सकती. 


चीन को लगता है कि सर्दियों के मौसम में उंची चोटियों पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए ठहरना आसान नहीं है लेकिन ठंडे मोर्चों पर भारतीय सैनिकों की जबरदस्त तैयारी है. गर्मी में चीन के गुरूर को हिंद की सेना ने गर्त में मिलाया है, अब सर्दी में हिसाब पूरा करने की तैयारी है. 


VIDEO