Farmers Protest: प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर किसान बातचीत को तैयार, सरकार की पहल का इंतजार
तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सोमवार को सरकार से कहा कि वार्ता के अगले दौर की तारीख तय करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनसे आंदोलन समाप्त करने की अपील करने और वार्ता के लिए निमंत्रण देने के बाद किसान संगठनों ने यह बात कही.
नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सोमवार को सरकार से कहा कि वार्ता के अगले दौर की तारीख तय करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनसे आंदोलन समाप्त करने की अपील करने और वार्ता के लिए निमंत्रण देने के बाद किसान संगठनों ने यह बात कही. बहरहाल, किसान संगठनों ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर आपत्ति की है कि देश में आंदोलनकारियों की नई 'नस्ल' उभरी है जिसे 'आंदोलन जीवी' कहा जाता है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका है.
किसान बातचीत को तैयार, सरकार भेजे बुलावा
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य किसान नेता शिव कुमार काका ने कहा कि वे अगले दौर की वार्ता के लिए तैयार हैं और सरकार को बैठक की तारीख और समय बताना चाहिए. काका ने कहा कि हमने सरकार से वार्ता से कभी इंकार नहीं किया. जब भी सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया, हमने केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत की. हम उनसे (सरकार) वार्ता के लिए तैयार हैं.
11 दौर की वार्ता के बावजूद गतिरोध जारी
विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन गतिरोध बना हुआ है क्योंकि किसान संगठन तीनों कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने पर अडिग हैं. पिछले दौर की वार्ता में सरकार ने कानूनों को 12 से 18 महीने तक निलंबित रखने की पेशकश की थी लेकिन किसान संगठनों ने इसे खारिज कर दिया.
पीएम मोदी ने किया बातचीत के लिए आमंत्रित
राज्यसभा में राष्ट्रपति के संबोधन पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को आश्वासन दिया कि मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'इतना ही नहीं एमएसपी जारी है और जारी रहेगा.' मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा, 'उन्हें (आंदोलनकारियों को) आंदोलन वापस लेना चाहिए और हम मिल बैठकर समाधान निकालेंगे और वार्ता के दरवाजे खुले हुए हैं. इस सदन से मैं उन्हें वार्ता के लिए फिर आमंत्रित करता हूं.'
ये भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर में भारत का हर नियम कानून मान्य, राज्य पुनर्गठन विधेयक राज्य सभा से पास
सिर्फ बोलकर नहीं, एमएसपी की गारंटी कानूनी तौर पर दे सरकार
किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि सरकार पहले भी 'सैकड़ों बार' कह चुकी है कि एमएसपी (MSP) जारी है और जारी रहेगा. कोहाड़ ने कहा कि अगर सरकार दावा करती है कि एमएसपी जारी रहेगा तो फिर वह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी क्यों नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि किसान संगठन वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन औपचारिक निमंत्रण मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी मुद्दे का समाधान उचित वार्ता से किया जा सकता है. हम वार्ता बहाल करने के लिए सिद्धांत तौर पर तैयार हैं.