Why Afzal Ansari not Take Oath: समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद अफजाल अंसारी मंगलवार को संसद पहुंचे. लोकसभा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बगल में बैठे, लेकिन इसके बाद भी उन्हें शपथ नहीं दिलाई गई. अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) उस समय संसद पहुंचे, जब यूपी के सांसदों को शपथ दिलाई जा रही थी. इस दौरान उन्होंने सपा के अन्य सांसदों के अलावा अखिलेश यादव से मुलाकात की. अखिलेश के बगल बैठकर उन्होंने चर्चा भी की, लेकिन जब उन्हें शपथ नहीं दिलाई गई तब वो सदन से वापस चले गए. बता दें कि अफजाल अंसारी ने सपा के टिकट पर गाजीपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि संसद में मौजूद रहने के बावजूद अफजाल अंसारी को शपथ क्यों नहीं दिलाई गई?


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लोकसभा सचिवालय ने बताया शपथ नहीं दिलाने कारण


अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की शपथ के आड़े सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आ गया है, जो उनकी ही याचिका पर कोर्ट ने दिया था. गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी को शपथ नहीं दिलाने को लेकर लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) ने कारण बताया है.  लोकसभा सचिवालय ने एक आदेश पारित किया, जिसके अनुसार, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा अफजाल अंसारी की अपील के संदर्भ में जो दिनांक 14 दिसंबर 2023 को आदेश पारित करके गाजीपुर स्पेशल कोर्ट द्वारा ट्रायल 980/2012 में एप्लिकेंट अफजाल अंसारी को दी गई दोषसिद्धि के आदेश को निलंबित कर दिया था, तब उसी आदेश में उन्हे सदन की कारवाई में भी भाग लेने से रोका गया था. ऐसी स्थिति में आज सदन में आयोजित निर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह भी लोकसभा की कार्यवाही का हिस्सा है, इसलिए अफजाल अंसारी को इस में शपथ नहीं दिलाई जा रही.'


संसद में अखिलेश यादव (बाएं) के बगल में बैठे नजर आए अफजाल अंसारी

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा था?


दरअसल, पिछली बार बसपा के टिकट पर गाजीपुर से चुनाव जीतने वाले अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में चार साल की सजा सुनाई गई थी और उनकी लोकसभा की सदस्यता चली गई थी. इसके बाद वो हाई कोर्ट गए, लेकिन वहां से राहत ना मिलने पर वह सुप्रीम कोर्ट गए. सुप्रीम कोर्ट से अफजाल अंसारी की सदस्यता तो वापस मिल गई, लेकिन अदालत ने कुछ पाबंदियां लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसंबर को अफजाल अंसारी को मिली सजा पर तो रोक लगा दी, लेकिन यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट से उनकी अपील पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक वह संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. इसके साथ ही वो सदन में किसी मुद्दे पर वोट भी नहीं कर पाएंगे.