Agnipath Scheme Protest: अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को अग्निपथ योजना पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की टिप्पणियों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि सैन्य अधिकारियों के बाद अग्निपथ भर्ती योजना का बचाव करने के लिए एनएसए को आगे किया गया है. '56-इंच' में अपने फैसलों को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं है और वह दूसरों के पीछे छिप रहे हैं.


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ओवैसी ने NSA को याद दिलाया चीन का अतिक्रमण



ओवैसी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को देश के युवाओं की बात सुननी चाहिए और योजना को रद्द कर देना चाहिए. टॉलरेट नहीं करने से NSA का क्या मतलब है? लद्दाख में हमारे क्षेत्र पर चीनी सेना का नियंत्रण जारी है. 2020 से चीन ऐसा करता आ रहा है और हम इसे उलटने में असमर्थ रहे हैं. हमारे सैनिकों द्वारा 25 महीनों से सैकड़ों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अब गश्त नहीं की जा रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था और कूटनीति पिछले आठ वर्षों में कमजोर हुई है. इसे इवेंट मैनेजमेंट और फोटो सेशन तक सीमित कर दिया गया है. अब पीआर के नेतृत्व वाली विनाश परियोजना को सेना पर थोपा जा रहा है. क्या ऐसे ही हम चीन का मुकाबला करेंगे? NSA साहब देपसांग मैदानों में 1000 वर्ग किमी के अतिक्रमण (भारतीय क्षेत्र पर कब्जा) के बारे में क्या? कृपया राष्ट्र को मजबूत करें.


डोभाल का दावा


अग्निपथ योजना पर डोभाल ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि युद्ध एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है. हम कॉन्टेक्टलेस वॉर की ओर जा रहे हैं और अदृश्य दुश्मन के खिलाफ भी युद्ध की ओर भी बढ़ रहे हैं. तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है. अगर हमें कल की तैयारी करनी है, तो हमें बदलना होगा. ओवैसी ने डोभाल के बयान का खंडन करते हुए कहा कि अनुबंध पर थोड़े समय के लिए खराब प्रशिक्षित सैनिकों के होने से सेना को आधुनिक युद्धों के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने में कैसे मदद मिलेगी? विचार यह होना चाहिए कि आधुनिक तकनीक को बेहतर सैनिकों की जरूरत है, न कि इसके विपरीत.


सेना में जारी रहेंगे रेजिमेंट?


सेना के रेजीमेंटों के मुद्दे पर एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि अग्निपथ योजना रेजिमेंट की अवधारणा के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगी. डोभाल ने कहा कि वे (रेजिमेंट) जारी रहेंगे... रेजिमेंटल सिस्टम खत्म नहीं हुआ है. दूसरी ओर, ओवैसी ने कहा कि अग्निपथ योजना पारंपरिक सैन्य ढांचे को खत्म कर देगी. आप अभी भी इसे गोरखा रेजिमेंट कह सकते हैं, लेकिन अगर इसमें एक तमिल, एक कश्मीरी और एक हरियाणवी है, तो क्या यह गोरखा रेजिमेंट रहेगी? एनएसए को यह स्वीकार करना चाहिए कि यह संविदा भर्ती योजना हमारे पारंपरिक सैन्य ढांचे को खत्म कर देगी.


अग्निपथ का विरोध


केंद्र ने 14 जून को अग्निपथ योजना को लांच किया था. यह योजना 17.5 से 21 (अब 23) आयु वर्ग के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना की तीन सेवाओं में से किसी एक में  शामिल करने की अनुमति देगी. हालांकि, पिछले कई दिनों में इस योजना के खिलाफ बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर ट्रेनों को जला दिया और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया. बिहार पुलिस ने सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ 16 से 18 जून के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ करने के आरोप में रविवार को 145 प्राथमिकी दर्ज की और 804 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. इस बीच, केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की और आग्रह किया कि अग्निपथ योजना के खिलाफ याचिकाओं पर अदालत द्वारा कोई आदेश पारित करने से पहले इसे सुना जाए.


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