नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Law) के खिलाफ लगातार 7वें दिन किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर जारी है. इससे पहले मंगलवार को किसान नेताओं पर सरकार के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही और सरकार ने किसानों से प्रावधानों पर लिखित आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कृषि कानूनों पर सफाई दी है और कहा है कि कानून किसी भी तरह से किसान विरोधी नहीं हैं.


'किसानों को और बल देता कानून'


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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने ट्वीट कर कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया नया कृषि कानून किसान विरोधी बिलकुल नहीं है, बल्कि ये किसानों को और बल देता है. इस बिल के अंतर्गत एमएसपी का सुरक्षा जाल तो बना रहेगा ही और नए विकल्पों को भी जोड़ेंगे, जो किसानों के पास हैं.


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रविशंकर प्रसाद ने दी मिथक और तथ्य की जानकारी


रवि शंकर प्रसाद ने अपने ट्वीट में एक ग्राफिक भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर मिथक और तथ्य की जानकारी दी. मिथक में लिखा है- 'बिल किसान विरोधी है, क्योंकि उन्हें कोई सुरक्षा नहीं प्रदान करता है.' वहीं तथ्य में लिखा है- 'एमएसपी का सुरक्षा जाल बना रहेगा. ये बिल उन विकल्पों को जोड़ेंगे, जो किसानों के पास है. किसान खाद्य उत्पाद कंपनियों के साथ उत्पादन की बिक्री के लिए प्रत्यक्ष समझौतों में प्रवेश कर सकेंगे.'



दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ी


किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) के 7वें दिन दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी किसानों की संख्या बढ़ने लगी है. यूपी गेट पर गाजीपुर के पास अलग-अलग जिलों से किसान पहुंच रहे हैं और भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. इससे पहले मंगलवार को आंदोलन कर रहे किसान उग्र हो गए थे और ट्रैक्टर से दिल्ली पुलिस का बैरिकेड तोड़ दिया था. वहीं आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी मंगलवार को कार्यकर्ताओं के साथ धरनास्थल पर पहुंचे थे और किसानों को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी.