नई दिल्ली : सीबीआई ने कुछ हाई प्रोफाइल मामलों की जांच तेज करने के उद्देश्य से एक अतिरिक्त निदेशक के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जो खास तौर पर वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले और उद्योगपति विजय माल्या द्वारा की गयी कथित ऋण धोखाधड़ी जैसे महत्वपूर्ण मामलों की जांच करेगी।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त निदेशक राकेश अस्थाना एसआईटी का नेतृत्व करेंगे। 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना फरवरी 2002 में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में हुई आगजनी के मामले की जांच करने वाली राज्य एसआईटी का नेतृत्व कर चुके हैं। वह चारा घोटाले की जांच से भी जुड़े थे।


इससे पहले वीवीआईपी हेलीकॉप्टर रिश्वत कांड की जांच सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) कर रही थी। इकाई अतिरिक्त निदेशक वाई सी मोदी की देखरेख में मामले की जांच कर रही थी। मोदी 1984 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।


वहीं विशेष निदेशक आर के दत्ता की देखरेख में सीबीआई की मुंबई शाखा का बैंक, प्रतिभूति एवं धोखाधड़ी प्रकोष्ठ (बीएसएफसी) माल्या की कथित रिण धोखाधड़ी की जांच कर रहा था। दत्ता 1981 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। एसीयू और बीएसएफसी के संयुक्त निदेशक अस्थाना को मामलों में हुई प्रगति की जानकारी देंगे और उनके निर्देशों का पालन करेंगे।


सूत्रों ने कहा सीबीआई के निदेशक अनिल सिन्हा दोनों जांच की निगरानी करेंगे। सूत्रों ने कहा कि विशेषज्ञ एवं जांचकर्ता पूरी तरह ध्यान देकर इन मामलों पर काम करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या एसआईटी केवल इन्हीं दोनों मामलों की जांच करेगी, सूत्रों ने ना में जवाब दिया।


सीबीआई ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी और उनके तीन रिश्तेदारों एवं पांच विदेशी नागरिकों सहित 12 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। त्यागी पर हेलीकॉप्टर जिस उंचाई पर उड़ान भर सकते हैं, उसकी अधिकतम सीमा 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 मीटर (15,000 फुट) करने का आरोप है। कहा जा रहा है कि यह सीमा इसलिए घटायी गयी ताकि अगस्तावेस्टलैंड को सौदे की प्रक्रिया में शामिल किया जा सके।


हालांकि त्यागी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि फैसला विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से विचार विमर्श कर लिया गया। माल्या के खिलाफ मामला आईडीबीआई बैंक से लिए गए 900 करोड़ रुपए से अधिक के रिण की अदायगी में कथित चूक और इस धनराशि के हेरफेर से जुड़ा है।