DNA: ग्वालियर में अब बच्चों को पढ़ाने के बजाय टीचर्स ढूंढेंगे भिखारी? प्रशासन ने क्यों लगाई ये हैरतअंगेज ड्यूटी, गुस्से में भड़के शिक्षक
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DNA: ग्वालियर में अब बच्चों को पढ़ाने के बजाय टीचर्स ढूंढेंगे भिखारी? प्रशासन ने क्यों लगाई ये हैरतअंगेज ड्यूटी, गुस्से में भड़के शिक्षक

DNA on MP Gwalior Teachers Beggar News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अब टीचर्स बच्चों को पढ़ाने के बजाय भिखारी ढूंढा करेंगे. प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि सरकारी टीचर्स रोजाना 9 घंटे इस काम को गंभीरता से करेंगे.

DNA: ग्वालियर में अब बच्चों को पढ़ाने के बजाय टीचर्स ढूंढेंगे भिखारी? प्रशासन ने क्यों लगाई ये हैरतअंगेज ड्यूटी, गुस्से में भड़के शिक्षक

Zee News DNA on MP Gwalior Teachers Beggar News: MP अजब है. सबसे गजब है. ये लाइनें मध्य प्रदेश की पहचान बन चुकी हैं और अपनी इस पहचान को बरकरार रखने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के विभाग ऐसे अजब-गजब फरमान जारी कर देते हैं, जो सबको हैरान कर देते हैं. ऐसा ही एक अजब-गजब फरमान ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी ने सुनाया है. जिसके बाद ग्वालियर की सड़कों पर सरकारी स्कूलों के शिक्षक..भिखारियों को ढूंढ रहे है ताकि उन्हें पकड़कर..समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके और इस अभियान के लिए ग्वालियर के शिक्षकों को चुना गया है.

अब 9 घंटे तक भिखारियों को खोजेंगे टीचर्स

इसके लिए ग्वालियर शिक्षा विभाग ने बाकायदा लिखित आदेश भी जारी किया गया है. जिसमें लिखा गया है कि हर दिन 9 घंटे तक शिक्षकों को भिखारियों को खोजना होगा. सड़कों पर भीख मांगने वाले बच्चों की तलाश करनी होगी और उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाना होगा. 

बच्चों को कब पढ़ाएंगे शिक्षक

ये अच्छी बात है कि सड़कों पर भीख मांगने को मजबूर बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जाए. लेकिन इसके लिए शिक्षकों को ही उनके मुख्य काम..यानी बच्चों को पढ़ाने से दूर कर देना तो अच्छी बात नहीं है. अब अगर हर दिन नौ घंटे शिक्षक ग्वालियर की सड़कों पर भिखारियों का Search Operation चलाएंगे तो फिर बच्चों को कब पढ़ाएंगे?

पहले भी जारी हो चुके हैं ऐसे आदेश

शिक्षकों का गुस्सा जायज़ है. उनका काम..बच्चों को पढ़ाना है. सड़कों पर भिखारियों को ढूंढना नहीं. वैसे मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग ने कोई पहली बार ऐसा अजब आदेश नहीं दिया है..जिसने गजब कर दिया हो. इससे पहले भी शिवपुरी में शराब ठेकों पर ड्यूटी. सामूहिक विवाह आयोजनों मे भोजन परोसने की ड्यूटी और शिव महापुराण कथा में भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा चुकी है.

अदालती आदेशों का भी उल्लंघन

दरअसल सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं..बल्कि पूरे देश में ही शिक्षकों से ये उम्मीद की जाती है कि वो स्कूल में बच्चों को पढ़ाने को नहीं..बल्कि सरकारी अभियानों को सफल बनाने को अपनी ड्यूटी मानेंगे . इसलिए काम कोई भी हो..शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी जाती है और अदालती आदेशों को भी नजरअंदाज कर दिया जाता है जो कहते हैं कि शिक्षकों को किसी भी गैर-शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता.

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