नई दिल्ली: एयर इंडिया (Air India) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए अपने कर्मचारियों के लिए एक नई गाइडलाइंस जारी की है. इसके तहत किसी भी उड़ान का पायलट और केबिन क्रू तभी हिस्सा हो सकते हैं, जब उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आएगी. इस बात की जानकारी एयर इंडिया ने एक आधिकारिक बयान में दी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शनिवार को दिल्ली से मास्को के लिए एयर इंडिया की एक फ्लाइट के एक पायलट के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी होने पर अधिकारियों ने विमान को बीच रास्ते से ही लौटने को कह दिया था. विमान में कोई यात्री सवार नहीं था. आपको बता दें कि पायलट की कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट की जांच करने वाली एक टीम से चूक होने पर उसे ड्यूटी पर भेज दिया गया.


एयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (संचालन), कैप्टन आरएस संधू ने एक पत्र में कहा है, ‘एयरलाइन की ओर से कोविड-19 की जांच कराई जा रही है. दरअसल यह नई कार्यप्रणाली है और ऑफिस में कर्मचारियों की कमी है. ऐसे में इस विषय में चूक होने की आशंका है.’


ये भी पढ़ें: इस महीने कई दिन बंद रहेंगे बैंक, जल्दी चेक कर लीजिए यहां छुट्टियों की पूरी लिस्ट


जानिए पूरा घटनाक्रम-


विमान अधिकारियों ने बताया कि एयरबस ए 320 ने फंसे हुए भारतीयों की वतन वापसी करने के लिए 'वंदे भारत अभियान' के तहत शनिवार सुबह 7.15 बजे मास्को की उड़ान भरी थी. हालांकि अधिकारियों के निर्देशों के बाद दोपहर 12.30 बजे वापस आना पड़ा. जानकारी के मुताबिक, जिन एयरलाइंस अधिकारियों को विमान के पायलट और अन्य कर्मचारियों की मेडिकल रिपोर्ट को देखने के लिए कहा गया था, उन्होंने पायलट को उड़ान ड्यूटी पर भेजने से पहले उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं देखी थी. एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि विमान को तुरंत ही वापस बुलाया गया, जैसे ही पायलट के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी हुई.


ये भी देखें-