Ajit Pawar: महाराष्ट्र के नाटक में नया राउंड, मुस्लिमों को लेकर अजित पवार Vs देवेंद्र फडणवीस
Maharashtra Politics: अजित पवार ने बुधवार को मुंबई में अमित शाह से मुलाकात भी की. यह बैठक एनसीपी की ‘महायुति’ गठबंधन में मौजूदगी और उनकी पार्टी द्वारा कुछ भाजपा नेताओं के मुस्लिम विरोधी प्रचार का विरोध करने को लेकर उपजे मतभेद की पृष्ठभूमि में हुई है.
Ajit Pawar Vs Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों के बाद सत्तारूढ़ महायुति के पिछड़ने के बाद से ही एनसीपी को लेकर सब कुछ सहज नहीं है. आरएसएस ये कह ही चुका है कि अजित पवार की एनसीपी को शामिल कर बीजेपी ने अपनी ब्रांड वैल्यू को कम किया. शिवसेना, भाजपा और एनसीपी वाले ‘महायुति’ गठबंधन को हालिया लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी चार में से तीन सीट हार गई थी. विचारधारात्मक स्तर पर भी बीजेपी और अजित पवार अलग-अलग सुर में बोलते दिख रहे हैं.
ताजा मामले में वरिष्ठ बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को दावा करते हुए कहा कि हालिया लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 14 में ‘‘वोट जिहाद’’ देखा गया. भाजपा नेता ने ‘‘वोट जिहाद’’ का मुद्दा उठाते हुए धुले लोकसभा क्षेत्र के नतीजों का हवाला दिया, जहां विपक्षी एमवीए उम्मीदवार ‘‘मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ सामूहिक मतदान’’ के कारण विजयी हुआ.
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'हिंदुओं को जगाने की जरूरत'
फडणवीस ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद देखा गया. धुले निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार पांच विधानसभा सीटों में 1.90 लाख वोटों से आगे थे. हालांकि, मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में मतदान के कारण हमारे उम्मीदवार 1.94 लाख वोटों से पीछे रह गए और सिर्फ 4,000 वोटों से चुनाव हार गए.’’
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, असली चिंता कुछ लोगों के बढ़ते आत्मविश्वास को लेकर है, जो सोचते हैं कि अगर वे बड़ी संख्या में मतदान कर सकें तो वे हिंदुत्ववादी ताकतों को हरा सकते हैं, भले ही वे अल्पसंख्यक हों. फडणवीस ने कहा कि यह जागने का समय है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में 48 लोकसभा क्षेत्रों में से 14 सीटों पर वोट जिहाद देखा गया. हिंदू धर्म ने कभी भी अन्य धर्मों का अपमान नहीं किया, सहिष्णुता हमारे खून में है. अगर कोई हिंदू विरोधी नेताओं को शीर्ष पदों पर चुनने के लिए वोट दे रहा है तो मैं हिंदुत्व को जगाने की जरूरत पर जोर देता हूं.’’
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अजित पवार ने मुस्लिमों को दिया आश्वासन
दिलचस्प बात ये है कि इसके एक दिन बाद एनसीपी नेता और डिप्टी सीएम अजित पवार ने एकदम फडणवीस से एकदम अलग राय व्यक्त की. उन्होंने मंगलवार को कहा कि एनसीपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपने कोटे से अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत सीटें आवंटित करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अल्पसंख्यक समुदाय को बताना चाहता हूं कि हमने (विधानसभा चुनाव में) एनसीपी द्वारा लड़ी जाने वाली सीटों में से 10 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यक (उम्मीदवारों) को आवंटित करने का फैसला किया है.’’
कहने का आशय ये है कि एक तरफ जहां फडणवीस नवंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले वोट जिहाद और हिंदुओं को जगाने की बात कह रहे हैं वहीं अजित पवार अल्पसंख्यक समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए आश्वासन देते हुए दिख रहे हैं.
अमित शाह से मुलाकात
इसके साथ ही अजित पवार ने बुधवार को मुंबई में अमित शाह से मुलाकात की. हालांकि, बैठक में क्या बात हुई, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. यह बैठक अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन में मौजूदगी और उनकी पार्टी द्वारा कुछ भाजपा नेताओं के मुस्लिम विरोधी प्रचार का विरोध करने को लेकर उपजे मतभेद की पृष्ठभूमि में हुई है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता भी एनसीपी को लेकर नुक्ताचीनी करते रहे हैं. महायुति के तीनों सहयोगी दलों ने 228 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है, जिसके अगले महीने होने की उम्मीद है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले हफ्ते स्वीकार किया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को अपने नए सहयोगी एनसीपी से शिवसेना की तुलना में कम वोट मिले थे.
(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)