अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ जिले में नहर में फेंकी गई कथित जहरीली शराब पीने के कारण तीन और लोगों की मौत होने से एक गांव में मरने वालों की संख्या नौ हो गई है. अलीगढ़ के मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (सीएमओ) भानु प्रताप कल्याणी ने पुष्टि की कि बृहस्पतिवार से अब तक रोहेरा गांव में जहरीली शराब के सेवन करने वाले नौ लोगों के पोस्टमार्टम किये जा चुके हैं.


ईंट भट्टे पर काम करते थे मजदूर


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उन्होंने बताया कि पीड़ितों का उपचार मुख्य रूप से जवाहर नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल और कुछ निजी अस्पतालों में किया जा रहा है. कल्याणी के मुताबिक एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाले कई मरीज अब भी अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.


नहर में मिली थी ये जहरीली शराब


पुलिस के अनुसार शुक्रवार की सुबह अकबराबाद थाना क्षेत्र के कोड़ियागंज में एक अन्‍य ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर की कथित तौर पर नकली शराब पीने से मौत हो गई. पुलिस के मताबिक यह शराब उसी नहर में एक टोकरे में तैर रही थी जो बुधवार को रोहेरा के मजदूरों को मिली थी.


25 की हालत गंभीर


जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक डॉक्टर हारिस मंजूर ने बताया, 'इस अस्पताल में बुधवार रात से बृहस्पतिवार शाम तक 32 लोग भर्ती हुए जिनमें सात (कुल नौ मौतों में से) की आज सुबह तक मौत हो गई और 25 का उपचार अभी भी चल रहा है, जिनमें कई की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.'


बिहार राज्य के हैं अधिकतर पीड़ित


सीएमओ कल्‍याणी ने पत्रकारों को बताया कि पिछले शुक्रवार (28 मई) को जहरीली शराब की घटना के बाद अब तक कुल 98 लोगों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन उन सभी 98 लोगों की मौत के कारणों की पुष्टि के लिए बिसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. प्रशासन ने 28 मई की जहरीली शराब की घटना से अब तक 35 लोगों की मौत की पुष्टि की है. दो जून को रोहेरा गांव में हुई जहरीली शराब की घटना में महिलाओं समेत सभी पीड़ित बिहार राज्य के प्रवासी मजदूर हैं और यहां एक स्‍थानीय ईंट भट्ठे पर काम करते हैं और अस्थायी तौर पर झोपड़ियों में रहते हैं. 


स्थानीय विधायक ने उठाया कदम


हादसे के बाद बृहस्पतिवार को जब मीडियाकर्मी वहां पहुंचे तो एक दर्जन से अधिक बच्चे भूखे प्‍यासे मिले जिनके माता-पिता अस्पतालों में भर्ती थे. यह मामला संज्ञान में आते ही स्थानीय विधायक दलवीर सिंह ने तुरंत बच्चों के भोजन की व्यवस्था कराई. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया था कि बुधवार रात जवां थाना क्षेत्र के रोहेरा गांव के पास एक नहर में फेंकी गई संदिग्ध रूप से मिलावटी शराब पीने से बड़ी संख्या में ईंट भट्ठा श्रमिक बीमार हो गए. 


28 मई को हुई थी पहली घटना


इससे पहले 28 मई को अवैध शराब के सेवन से कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई थी. अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने शुक्रवार को बताया कि जिला पुलिस ने 28 मई की घटना के प्रमुख आरोपी व शराब माफिया सरगना ऋषि शर्मा को पकड़ने के लिए अपनी तलाश तेज कर दी है और शर्मा को गिरफ्तार करने के लिए 50,000 रुपये से इनाम बढ़ाकर 75,000 कर दिया है.


अबतक 38 लोग गिरफ्तार


पिछले छह दिनों के दौरान दर्ज तेरह अलग-अलग मामलों में ऋषि शर्मा गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है. शर्मा के बारे में चर्चा है कि उसके प्रमुख नेताओं से कथित राजनीतिक संबंध हैं. एसएसपी ने कहा कि शर्मा के परिवार के पांच करीबी सदस्य जिनमें उसकी पत्नी, बेटा, भाई मुनीश और कपिल शर्मा और उसके भतीजे आकाश को गिरफ्तार किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न थानों में दर्ज 16 अलग-अलग मामलों में कुल 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


548 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर


एसएसपी नैथानी ने यहां कहा कि जिले में दो साल से अधिक समय से एक ही थाने में तैनात 548 से अधिक पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है. एसएसपी ने कहा कि पिछले चार दिनों में एक पुलिस उपाधीक्षक, दो थानाध्यक्षों समेत पांच पुलिस निरीक्षकों को शराब माफिया से संलिप्तता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. 


सालों से एक ही जगह जमे हुए थे ये पुलिसकर्मी


उन्होंने बताया कि एक ही थाने में दो साल से अधिक समय से तैनात 548 से अधिक पुलिसकर्मियों का अब तबादला कर दिया गया है, जिनमें से 148 पुलिस कर्मियों का तबादला जिले से बाहर किया गया है. नैथानी ने कहा कि जिले में 28 मई से अब तक दो शराब की त्रासदी हो चुकी है. पहले मामले में शराब से 35 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. यह संख्या और अधिक हो सकती है क्योंकि 52 और संदिग्ध पीड़ितों के विसरा जांच की रिपोर्ट का अभी इंतजार है. दूसरी घटना जवान क्षेत्र के रोहेरा गांव के पास नहर में फेंकी गई जहरीली शराब के सेवन से हुई जिसमें नौ लोगों की मौत हो चुकी है.