Shri Krishna Janmabhoomi Shahi Idgah case: प्रयागराज स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले की आज सुनवाई हुई. सिविल वाद की पोषणीयता मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सिविल वाद की पोषणीयता मामले में भी सुनवाई हुई. आज रूल 7 और 11 के तहत दी गई एप्लिकेशन के बिंदुओं पर सुनवाई की गई. आज शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के वकीलों ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. करीब डेढ़ घंटे तक शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के वकीलों ने अपना पक्ष रखा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

13 मार्च को अगली सुनवाई


अब 13 मार्च को मामले में होगी अगली सुनवाई, जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच मामले में सुनवाई कर रही है. आपको बताते चलें कि मथुरा कोर्ट में दाखिल 18 अलग अलग याचिका पर एक साथ हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस तरह ईदगाह की पूरी जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम दर्ज किए जाने की मांग पर भी अगली तारीख पर सुनवाई होगी. 


अबतक हाईकोर्ट की सुनवाई में क्या हुआ?


हाईकोर्ट में लगातार इस मामले की सुनवाई जारी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार (26 फरवरी) को वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला सुनाया था. कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर याचिका को खारिज करते हुए व्यास तहखाने में पूजा जारी रखने का आदेश दिया था. इसे हिंदू पक्ष के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.


ज्ञानवापी (Gyanvapi row) में व्यासजी के तहखाने में हिन्दू पक्ष को पूजा का अधिकार देने के कदम पर लोअर कोर्ट के फैसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुहर लगाते हुए ये भी कहा था कि तहखाने में पूजा रोकने के लिए मुलायम सिंह सरकार का 1993 का कदम 'अवैध' था.


उसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें 30 साल बाद हिन्दू पक्ष को पूजा का अधिकार मिला था. हाईकोर्ट ने कहा था कि वहां पूजा जारी रहेगी. इसके साथ मुस्लिम पक्ष की दोनों याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की अपीलों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया था.


31 जनवरी से लगातार सुर्खियों में है कृष्णजन्मभूमि-शाही ईदगाह मामला


गौरतलब है कि वाराणसी की कोर्ट ने 31 जनवरी को जिला जज वाराणसी ने हिंदू पक्ष को व्यासजी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी थी. मुस्लिम पक्ष ने पूजा का अधिकार देने वाले वाराणसी जिला जज के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मुस्लिम पक्षकारों ने तहखाने में पूजा की इजाजत देने पर रोक लगाने  की मांग गई थी. मुस्लिम पक्ष की दोनों याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद 15 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. 26 फरवरी को हाईकोर्ट ने क्लियर कर दिया था कि तहखाने में पूजा जारी रहेगी.