कैप्टन का दर्द: सिद्धू उम्र का लिहाज किए बिना बेइज्जत करते रहे, सोनिया ने मूंद लीं आंखें
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में कई बातें कही हैं. उन्होंने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू उम्र का लिहाज किए बिना उन्हें बेइज्जत करते रहे, इसके बावजूद राहुल और प्रियंका सिद्धू को शह देते रहे और सोनिया गांधी ने भी आंखें मूंद लीं.
चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) का दर्द एक बार फिर छलका है. कांग्रेस (Congress) छोड़ने को लेकर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को भेजे गए अपने इस्तीफे में उन्होंने पार्टी नेतृत्व की कार्यप्रणाली और मंशा पर भी सवाल उठाया है. कैप्टन ने लिखा है कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) उम्र का लिहाज किए बिना मुझे बेइज्जत करते रहे और पार्टी नेतृत्व ने कुछ नहीं किया. उल्टा राहुल और प्रियंका सिद्धू को शह देते रहे.
विरोध के बावजूद बनाया गया प्रधान
कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने सोनिया गांधी को निशाना बनाते हुए कहा है कि जब सिद्धू मेरी बेइज्जती करते रहे, आपने भी आंखें मूंद लीं, आपने कोई कदम नहीं उठाया. अमरिंदर ने आगे कहा कि मेरे और 8 सांसदों के विरोध के बावजूद आपने नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाया. सिद्धू पाकिस्तान परस्त है और उसने सार्वजनिक तौर पर पाक प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख बाजवा को गले लगाया.
Sidhu पर जमकर साधा निशाना
अमरिंदर ने सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वही लोग हैं, जो पाकिस्तान से आतंकियों को भारत में भेजते हैं, भारतीय सैनिकों को शहीद करते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा हालात पर चुटकी लेते हुए कहा कि मैंने आपको पहले ही कहा था कि सिद्धू अनस्टेबल माइंड का व्यक्ति है. एक दिन आपको अपने फैसले पर पछताना पड़ेगा और तब तक बहुत देर हो चुकी होगी. मुझे यकीन है कि आप अभी से इसको लेकर पछता रही होंगी.
‘मेरे खिलाफ साजिश रची गई’
अमरिंदर ने लिखा कि आज किसान आंदोलन को लेकर मैं भाजपा की अगुवाई वाली NDA सरकार से बात करने जा रहा हूं, तो कांग्रेस मुझ पर हमला कर रही है. मुझे कहा जा रहा है कि मैं सेक्युलर नहीं रहा. इसी कांग्रेस ने शिवसेना से गठबंधन करते समय एक बार भी नहीं सोचा. जो शिवसेना पहले उनके लिए कम्युनल थी, वो अचानक सेक्युलर हो गई? आधी रात को विधायक दल की मीटिंग बुलाकर आपके और आपके बच्चों की शह पर मेरे खिलाफ साजिश रची गई. जब भी कांग्रेस चाहती, यह मेरा अधिकार था कि मैं विधायक दल की मीटिंग बुलाता. लेकिन मुझे तो अगले दिन सुबह पता चला कि ये सब किया गया है. यह मेरे लिए घोर अपमान था.