Amarnath Yatra: अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के बीच एकल उपयोग वाले प्लास्टिक और पुनर्चक्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अधिकारियों ने बालटाल में 'वेस्ट टू वंडर' प्रदर्शनी शुरू की है. बालटाल दक्षिण कश्मीर हिमालय में गुफा मंदिर की यात्रा के दो मुख्य शिविरों में से एक है. 52 दिवसीय अमरनाथ तीर्थयात्रा 29 जून को शुरू हुई जो 19 अगस्त को समाप्त होगी. भगवान गणेश और भगवान हनुमान 'वेस्ट टू वंडर' अभियान के शुभंकर हैं. 


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प्रदर्शनी में पुनर्चक्रित सामग्री से बने उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि पुनर्चक्रित कागज के बैग और कांच की बोतलें, खाद्य पदार्थ पैक करने के लिए इस्तेमाल की जानी वाली सामग्री से बने फर्नीचर, जूट के बैग और मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से बनी वस्तुएं प्रदर्शनी में रखी गयी हैं. 


उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर ग्रामीण स्वच्छता निदेशालय तथा ग्रामीण विभाग और पंचायती राज विभाग भी स्वच्छ तीर्थयात्रा के लिए कचरा निपटान संबंधी व्यापक कार्यक्रम चला रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि प्लास्टिक बैग के उपयोग को रोकने के लिए प्रदर्शनी में एक काउंटर पर तीर्थयात्रियों को मुफ्त सूती बैग बांटे गए. 


अमरनाथ गुफा मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 1.30 लाख से अधिक हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया, ‘‘बृहस्पतिवार को वार्षिक यात्रा के छठे दिन लगभग 25 हजार तीर्थयात्रियों ने यात्रा की और बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए.’’ उन्होंने बताया कि 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या अब 1,30,260 हो गई है. 


अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को 16,667 पुरुष, 5,367 महिला तीर्थयात्रियों, 520 साधु व दो साध्वियों, दो हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों, सात समलैंगिकों और 354 बच्चों ने मंदिर के दर्शन किए. अधिकारियों के अनुसार इस साल यात्रा के दौरान हरियाणा के एक सेवादार और झारखंड के एक तीर्थयात्री समेत दो लोगों की मौत हुई है. दोनों की मौत जून में बालटाल मार्ग पर दिल का दौरा पड़ने से हुई. 52 दिवसीय यात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी. पिछले वर्ष 4.5 लाख से अधिक यात्रियों ने तीर्थयात्रा की थी. 


(एजेंसी इनपुट के साथ)