नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर जारी सियासत के बीच एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन से जुड़ी जानकारी को सार्वजनिक किया है. कंपनी का दावा है उसकी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और कोरोना से जंग में कारगर साबित हो सकती है. जब से देश में वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिली है उस पर सियासत तेज हो गई है. इस पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या वैक्सीन वास्तव में कोरोना वायरस से बचाव में असरदार हो सकती है? 


वैक्सीन AstraZeneca क्या है और किसलिए इस्तेमाल की जाएगी?


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COVID-19 वैक्सीन AstraZeneca एक वैक्सीन है, जो कोरोना वायरस से बचाव के लिए 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को लगाई जाएगी. ये वैक्सीन कोरोना की चपेट में आने के खतरे को कम करके वायरस से सुरक्षा प्रदान करेगी.


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वैक्सीन AstraZeneca कैसे काम करती है?
वैक्सीन AstraZeneca शरीर के नेचुरल डिफेंस को स्टिम्युलेट करती है, ताकि हमारा शरीर वायरस के खिलाफ अपनी प्रोटेक्शन (एंटीबॉडी) उत्पन्न कर सके. इस वैक्सीन में शामिल कोई भी सामग्री COVID-19 का कारण नहीं बन सकती.


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इस वैक्सीन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
वैक्सीन को इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन के जरिए शरीर में इंसर्ट किया जाता है. AstraZeneca वैक्सीन एक अधिकृत चिकित्सक द्वारा संबंधित व्यक्ति के हाथ के ऊपरी भाग (deltoid muscle) पर इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन के रूप में लगाई जाएगी. इसके लिए वैक्सीन के 0.5 मिली वाले दो इंजेक्शन लगाने होंगे. डॉक्टर आपको बताएंगे कि पहले डोज के बाद दूसरे डोज के लिए कब आना है. वैसे, पहले इंजेक्शन के बाद दूसरा इंजेक्शन 4 से 12 सप्ताह के बीच दिया जा सकता है.


AstraZeneca वैक्सीन के क्या लाभ सामने आए हैं?


प्रारंभिक विश्लेषणों में यह पाया गया कि AstraZeneca वैक्सीन लगवाने वालों में दूसरे लोगों की तुलना में COVID की चपेट में आने का खतरा कम था. अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा गया था, एक समूह को वैक्सीन लगाई गई जबकि दूसरे को सामान्य उपचार दिया गया. जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई, उनमें कोरोना से बचाव की संभावना ज्यादा देखी गई. यहां तक कि कोरोना के खतरे को बढ़ाने वालीं बीमारियां जैसे कि मोटापा, हृदय विकार, श्वसन रोग या मधुमेह से पीड़ित प्रतिभागियों पर भी वैक्सीन असरदार साबित हुई.  


AstraZeneca के संभावित Side Effects क्या हो सकते हैं?
AstraZeneca वैक्सीन के सबसे सामान्य साइड इफेक्ट में दर्द, गर्मी लगना, लालिमा, खुजली, सूजन या खासतौर पर इंजेक्शन वाले स्थान पर जलन-खुजली होना, अस्वस्थ महसूस करना, थकान, ठंड लगना या बुखार, सिरदर्द, उबकाई आना, जोड़ों में दर्द या मांसपेशियों में दर्द आदि हैं. हालांकि, 10 में से एक एक ही व्यक्ति को साइड इफेक्ट होने की संभावना है. क्लीनिकल रिसर्च में मिले अधिकांश साइड इफेक्ट मामूली थे और जल्द ही ठीक भी हो गए थे. हालांकि, कुछ प्रतिभागियों में ये वैक्सीनेशन के एक सप्ताह बाद तक बने रहे.