Amit Shah on PFI ban: कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में आतंक को बढ़ावा देने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India, PFI) के प्रसार को हवा दी. ये बात देश के गृह मंत्री अमित शाह ने अपने ताजा इंटरव्यू में कहा है. उन्होंने कहा, 'पीएफआई के कैडर पर अलग-अलग प्रकार के केस थे. उस केस को समाप्त करने का प्रयास कांग्रेस ने किया, जिस पर कोर्ट ने रोक लगाई है. इसमें बुरा लगने जैसा क्या है, या तो ये प्रयास न करते. प्रयास करोगे तो सुनना पड़ेगा.'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने आगे कहा, 'हमने पीएफआई को बैन करने का काम किया है. मैं मानता हूं कि पीएफआई देश धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था. ये संगठन आतंकवाद का रॉ-मटीरियल तैयार करने का प्रयास करता था. कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो ये बताते हैं कि इनकी गतिविधियां देश की एकता और अखंडता के खिलाफ थीं.'


गृह मंत्री ने कहा, 'हमने वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर इस पर बैन लगाने की बात की है. एक समय था जब पीएफआई कर्नाटक तक ही सीमित था, लेकिन जब हमने बैन किया तब ये पूरे देश में फैलने की तैयारी में था.'


 



'वामपंथी उग्रवाद अपने अंत की ओर'


अमित शाह ने कहा कि भारत ने सभी क्षेत्रों में प्रगति की है. साथ ही उन्होंने आंतरिक सुरक्षा को बढ़ावा देने और रक्षा में आयात की निर्भरता को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया और कहा कि देश इस समय सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों में शामिल है. उन्होंने कहा कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के सफल प्रयास किए गए हैं.


शाह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास और 8 साल में दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता को 30 फीसदी कम करना एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा, 'वामपंथी उग्रवाद अपने अंत की ओर है. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर हमारी एजेंसियों का नियंत्रण है. पूर्वोत्तर में, हमने समस्याओं का समाधान ढूंढ लिया है और उग्रवादी संगठनों के 8,000 से अधिक सदस्य मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं.'


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे