नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों की धार्मिक पृष्ठभूमि देखे बिना उनके कल्याण के लिए काम किये हैं और उन राज्यों में कोई बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ जहां उनकी पार्टी सत्ता में है.


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बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है चाहे वे किसी धर्म के हों. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार होने का दावा करने वालों ने उनके लिए कुछ नहीं किया.


उन्होंने तीन तलाक विधेयक पारित कराने की दिशा में मोदी सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं को न्याय देने के लिए है. शाह ने कहा कि मुस्लिम बच्चियों के स्कूल छोड़ने का प्रतिशत 72 से गिरकर 32 पर आ गया है.


इससे पहले अमित शाह ने बुधवार (30 जनवरी) को पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे देश के लिये बेहद महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इतनी संख्या में सीटें जिताएं कि विरोधियों के ‘दिल दहल‘ जाएं.


बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं कार्यकर्ताओं का आह्वान करता हूं कि यह लड़ाई देश के लिये महत्वपूर्ण है. यह लड़ाई जीतना बीजेपी के साथ-साथ भारत के लिये भी जरूरी है. हमारा कार्यकर्ता 50 प्रतिशत लड़ाई जीतकर ही आएगा. सीटों की संख्या ऐसी हो कि विरोधियों के दिल दहल जाएं.’


शाह ने कानपुर में बीजेपी बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में हुए सपा-बसपा गठबंधन और राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट हो रहे विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा,‘विपक्ष बताए कि आपका प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी कौन है. सुन लो! अगर गठबंधन बना तो सोमवार को मायावती, मंगलवार को अखिलेश यादव, बुधवार को ममता, बृहस्पतिवार को शरद पवार, शुक्रवार को देवगौड़ा प्रधानमंत्री बनेंगे. शनिवार और रविवार को देश छुट्टी पर चला जाएगा. ये लोग परिवर्तन करने चले हैं और नेता का पता नहीं.’


(इनपुट - भाषा)