Chennai Fertilizer plant: गैस लीक के बाद चर्चा में चेन्नई का यह प्लांट, भड़के लोगों ने कह दी बड़ी बात
Fertilizer plant Ammonia Gas Leak: चेन्नई के एन्नोर में कोरोमंडल फर्टिलाइजर प्लांट से अमोनिया गैस लीक होने के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई. दम घुटने की शिकायत के बाद 25 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
चेन्नई में एक फर्टिलाइजर प्लांट की पाइपलाइन से अमोनिया गैस के लीक के बाद अफरातफरी मच गई. 25 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. चेन्नई के एन्नोर इलाके में कोरोमंडल कंपनी में यह हादसा हुआ. मंगलवार की रात करीब 11.45 बजे, उत्तरी चेन्नई की हवा में लोगों ने अजीब सी गंध की शिकायत की. बाद में पता चला कि अमोनिया गैस का रिसाव हुआ है. इलाके के लोगों ने सांस की तकलीफ, मतली और बेहोशी जैसे लक्षण भी सामने आए. इसके अलावा कुछ लोगों ने गले और छाती में जलन की शिकायत की. कुछ देर तो लोग समझ नहीं पाए. लेकिन जब पता चला कि अमोनिया गैस का रिसाव हुआ है तो लोग घबरा कर घरों से बाहर निकल आए.
उत्तरी चेन्नई के रहने वासे लोग पहले से ही तेल रिसाव से होने वाली दुश्वारियों को झेल रहे थे. उन सबके बीच अमोनिया गैस रिसाव ने उनकी मुसीबतें और बढ़ा दीं. मंगलवार की रात जैसे ही मेडिकल इमरजेंसी का ऐलान किया गया. लोगों को अस्पताल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कुछ लोगों ने ऑटोरिक्शा और मोटरसाइकिल की मदद ली, हालांकि प्रभावित व्यक्तियों के लिए तत्काल चिकित्सा मुहैया कराने के लिए अधिकारियों ने भी कमर कस ली थी. चिन्ना कुप्पम, पेरिया कुप्पम, नेताजी नगर और बर्मा नगर के इलाके ज्यादा प्रभावित रहे.
मछुआरों और स्थानीय लोगों ने चेताया
समुद्र तट पर मछुआरों और स्थानीय लोगों ने उपसमुद्र पाइपलाइन के ऊपर अजीब सी आवाज सुनी और पानी बहते देखा था. कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड ने कहा कि रेगुलर ऑपरेशन के दौरान कुछ अजीब सी चीज देखी गई. कंपनी ने तेजी से काम करते हुए अमोनिया गैस लीक को रोक करने की कोशिश की. कंपनी के सुरक्षा और उच्च मानकों के पालन के आश्वासन के बावजूद, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यन ने स्थिति का आकलन करने और प्रभावित व्यक्तियों से बातचीत करने के लिए सरकारी स्टेनली मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा किया.
हमेशा के लिए बंद हो यह प्लांट
घटना के बाद, पुलिस कर्मियों ने सड़कों पर एकत्र हुए उत्तेजित निवासियों को शांत किया. कंपनी के अधिकारियों ने लोगों से घर लौटने का आग्रह करते हुए आश्वासन दिया कि कोई समस्या नहीं है. लेकिन प्रभावित लोगों के परिवार वाले बुधवार सुबह उर्वरक निर्माण कंपनी के परिसर के सामने इकट्ठा हुआ और प्लांट को हमेशा के लिए बंद करने की मांग की. अब राज्य सरकार ने प्लांट को अस्थायी तौर पर बंद करने का आदेश दिया है. लोगों ने कहा कि इस तरह की घटना से उनकी जिंदगी पर संकट उठ खड़ा हुआ है. इस तरह की लापरवाही सुरक्षा प्रोटोकॉल, आपातकालीन प्रतिक्रिया और आवासीय क्षेत्रों के साथ औद्योगिक इकाइयों के सह-अस्तित्व के बारे में सवाल उठाती है.