Amritpal Singh Khalistan: भगोड़ा खालिस्तानी अमृतपाल अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. इस बीच एक खबर सामने आई है कि बीते साल अगस्त में भारत लौटने से पहले वारिस पंजाब दे का चीफ जॉर्जिया गया था. बताया जा रहा है कि अमृतपाल ने वहां कॉस्मेटिक सर्जरी कराई थी. 


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खुफिया जांच एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अमृतपाल सिंह ने वहां खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले की तरह दिखने के लिए सर्जरी कराई थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि डिब्रूगढ़ के सेंट्रल जेल में बंद अमृतपाल के करीबियों ने पूछताछ में इस बात का खुलासा किया है. कहा जा रहा है कि भगोड़े खालिस्तानी नेता ने जॉर्जिया में दो महीने बिताए थे. सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने खुफिया अधिकारियों को बताया कि अमृतपाल सर्जरी कराने के लिए जॉर्जिया गया था, ताकि भिंडरावाले की तरह दिख सके. हालांकि, उन्होंने कहा कि हम इसकी जांच कर रहे हैं.


पंजाब पुलिस की छुट्टियां कैंसल


पंजाब पुलिस की छुट्टियां 14 अप्रैल तक कैंसल कर दी गई हैं. जिन पुलिस कर्मचारियों ने छुटि्टयां ली हैं या छुट्‌टी पर हैं, उसे भी रद्द कर दिया गया है. DGP गौरव यादव की तरफ से यह आदेश दिया गया है. पंजाब पुलिस के इस फैसले को खालिस्तान समर्थक सिख प्रचारक अमृतपाल सिंह के तलवंडी साबो में सरबत खालसा बुलाने की मांग से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं पुलिस की इस तैयारी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि पंजाब में अमृतपाल को लेकर कुछ बड़ा एक्शन होने वाला है. अमृतपाल ने 14 अप्रैल को ही सिखों को तलवंडी साबो पहुंचने को कहा है. हालांकि इसे सिखों के सर्वोच्च श्री अकाल तख्त की मंजूरी नहीं मिली है.


खालिस्तानी नेताओं से था संपर्क


सूत्रों के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुबई में रहने के दौरान अमृतपाल सिंह खालिस्तानी जसवंत सिंह रोडे और आतंकी परमजीत सिंह पम्मा के संपर्क में था. जसवंत खालिस्तानी आंदोलन चलाने वाले लखबीर सिंह रोडे का भाई है, जिसके पाकिस्तान में होने का शक है. बताया जा रहा है कि खालिस्तानी ऑर्गनाइजेशन को पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में फंड मिलता था, जिसका इस्तेमाल निजी कर्ज को निपटाने में भी किया गया.


तलवंडी साबो में पुलिस सुरक्षा कड़ी


पंजाब के तलवंडी साबो में बीते दिन से ही पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से दमदमा साहिब में विशेष सभा का आयोजन किया गया है. वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि 21 दिन से भगोड़ा अमृतपाल सिंह यहां सरेंडर कर सकता है.


21 दिन से भगोड़े अमृतपाल सिंह का पुलिस सुराग लगा पाने में असमर्थ है. पुलिस को इनपुट्स मिली हैं कि अमृतपाल सिंह इस विशेष सभा में सरेंडर कर सकता है. यह विशेष सभा जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मीडिया पर लगाई गई पाबंदियों पर बातचीत के लिए आयोजित की है. इनपुट्स मिलने के बाद से ही पंजाब पुलिस हरकत में है और उनकी कोशिश अमृतपाल के किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में पहुंचने से पहले पकड़ने की है.


जत्थेदार से अमृतपाल समर्थक कर चुके हैं मुलाकात


27 मार्च से ही अमृतपाल के पंजाब आने के बाद से पंजाब पुलिस ने गतिविधियां तेज कर रखी हैं. 27 मार्च को जब अमृतपाल सिंह व उसका साथी पपलप्रीत होशियारपुर पहुंचे थे तो उन्होंने एक गुरुद्वारे में शरण ली थी.


इस दौरान गुरुद्वारे के एक प्रमुख व्यक्ति ने अमृतसर आकर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मुलाकात की थी. हालांकि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह इसकी पुष्टि नहीं करते हैं. लेकिन अनुमान है कि इस व्यक्ति ने जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की मौजूदगी में सरेंडर करने की बात कही थी. होशियारपुर के जिस गुरुद्वारे में अमृतपाल रुका था, वहां अमृतपाल पहले भी जा चुका है. फरवरी के पहले हफ्ते में वह एक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए पहुंचा था. सरेंडर की सूचना के बाद से ही एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट हैं.


18 मार्च से ही फरार है अमृतपाल सिंह


पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए ऑपरेशन चलाया था. जिसके बाद से ही वारिस पंजाब दे का चीफ फरार चल रहा है. हालांकि, इस दौरान उसके कई करीबियों को गिरफ्तार कर असम के डिब्रूगढ़ भेजा जा चुका है. इनमें अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और उसका फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी शामिल हैं. 


हाल ही में खुफिया अधिकारियों एक टीम ने इन लोगों से पूछताछ की थी. खुफिया एजेंसियां इसकी भी जांच कर रही हैं कि पंजाबी सिंगर और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू की मौत के बाद बीते साल अगस्त में अचानक कैसे अमृतपाल भारत आया और वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया. अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने बताया है, अमृतपाल ने दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर कई सारी पोस्ट लिखी थीं. इसके साथ ही उसका कुछ लोगों से संपर्क भी था.


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