अमरावती : आंध्र प्रदेश में भाजपा और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के बीच गठबंधन जारी रहेगा या नहीं, इस बात का फैसला आज होने की संभावना है. राजधानी अमरावती में टीडीपी संसदीय बोर्ड की बैठक चल रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेता के. राममोहन राव ने बताया कि बैठक के दौरान बजट, राज्य के विकास के साथ-साथ राजनीतिक गठबंधन पर चर्चा की जा रही है. बता दें कि पिछले कई दिनों से राजनीतिक हलकों में गठबंधन टूटने की खबरें लगातार तेज होती जा रही हैं. 


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आंध्र प्रदेश की उपेक्षा भारी पड़ी गठबंधन पर
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा एक फरवरी को आम बजट पेश किए जाने के बाद से लागातार टीडीपी नेताओं ने आंध्र प्रदेश की उपेक्षा के केंद्र पर गंभीर आरोप लगाए. इसके अलावा खुद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि गठबंधन उनकी मजबूरी नहीं है. नायडू ने केंद्रीय बजट पर कथित तौर पर गंभीर नाराजगी जताई थी.


उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य की अनदेखी क्यों की. नायडू ने कहा कि बेंगलुरू, मुंबई और अहमदाबाद को विभिन्न परियोजनाओं के लिए अच्छी खासी राशि आवंटित की गई है लेकिन विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम मेट्रो रेल सहित हमारी किसी परियोजना को कुछ नहीं मिला. 



पार्टी सूत्र बताते हैं कि टीडीपी नेताओं का एक धड़ा बीजेपी के साथ गठबंधन से कतई खुश नहीं है और वे चाहते हैं कि इस गठबंधन से बाहर निकला जाए. पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि नायडू ने गठबंधन के भविष्य के बारे में बोलने और राजस्थान उपचुनाव नतीजों पर ध्यान केंद्रित करने से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संभवत: मना किया है. 


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बजट को देखकर उन्हें निराशा हुई: टीडीपी
केंद्र सरकार के सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने सरकार के बजट की आलोचना की है. केंद्रीय मंत्री तथा टीडीपी नेता वाईएस चौधरी ने कहा कि बजट को देखकर उन्हें निराशा हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे रेलवे, पोलावरम प्रोजेक्ट, अमरावती के लिए पूंजी समेत आंध्र प्रदेश के कई मुद्दों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया है.


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रिश्तों में आई दरार
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दोस्ती का हवाला देते हुए सहयोगी दल बीजेपी के साथ विवाद पर बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इस बारे में तब बोलेंगे, जब भगवा दल गठबंधन जारी रखना नहीं चाहेगा. नायडू ने अपनी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर एक सवाल के जवाब में यह कहा. तेलुगू देशम पार्टी (तेदपा) प्रमुख नायडू ने कहा कि मुद्दे के बारे में सोचना बीजेपी नेताओं पर निर्भर है. उन्होंने कहा, ‘मैं मित्रपक्ष धर्म के चलते कुछ नहीं कहूंगा. उनके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए.’ 



शिवसेना से की बात
पार्टी सूत्रों की मानें तो चंद्रबाबू नायडू ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी बात की है. चूंकि शिवसेना पहले ही बीजेपी से नाता तोड़ने का ऐलान कर चुकी है और अब टीडीपी भी अलग रास्ते तलाश कर ही है. माना जा रहा है कि नायडू ने गठबंधन से अलग होने को लेकर ठाकरे से चर्चा की है.


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TDP से पहले शिवसेना ने तोड़ा नाता
टीडीपी से पहले शिवसेना ने भी गठबंधन से हटने का ऐलान किया था. बीते 23 जनवरी को ऐलान किया था कि वह भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी और 2019 का लोकसभा चुनाव एवं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. पार्टी ने कहा कि हिंदू वोटों को एकजुट रखने के लिए उसने अब तक राज्य से बाहर चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.


शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी ने यह सुनिश्चित करने के लिए दूसरे राज्यों में चुनाव नहीं लड़ा कि हिंदू वोट बंटने न पाए, लेकिन भविष्य में पार्टी सभी विधानसभा चुनाव लड़ेगी, चाहे नतीजा कुछ भी आए. उन्होंने उग्रवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर पर ध्यान देने की बजाय इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ पतंग उड़ाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उद्धव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सिर्फ विज्ञापनों पर पैसे खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को सत्ता से बेदखल कर देना चाहिए.