नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के फेज-3 ट्रायल में शामिल होने वाले हरियाणा के गृह- स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) कोरोना संक्रमित हो गए हैं. कोरोना वैक्सीन की डोज लेने के बाद भी संक्रमित हो जाने पर दवाई पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे ट्रायल के दौरान होने वाली सामान्य प्रक्रिया करार दे रहे हैं. 


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'ट्रायल में कुछ नतीजे नकारात्मक निकलना सामान्य'
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक यदि 100 लोगों को कोरोना वैक्सीन देने के बाद उनमें से 5 को कोरोना हो जाए तो माना जाता है कि वैक्सीन 95 प्रतिशत कामयाब रही. इसी से ये साबित होता है कि वैक्सीन (Corona Vaccine) कितनी इफेक्टिव रही. दूसरी बात, इससे ये भी पता चलता है कि वैक्सीन कोरोना के असर को कितना कम कर सकती है. 


'ट्रायल में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल होते हैं'
सिरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि उनकी वैक्सीन (Corona Vaccine) कोवीशील्ड वायरस के लोड को 60 प्रतिशत कम कर देती है. पूनावाला के मुताबिक ट्रायल के दौरान सभी आयु वर्ग और क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया जाता है. इस दौरान उन पर ट्रायल के नतीजों को परखा जाता है. यदि इनमें से अधिकतर लोगों पर ट्रायल का सकारात्मक असर हो तो दवा को सफल मान लिया जाता है. 


सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अनिल विज को दी शुभकामना
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के कोरोना संक्रमित होने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनके जल्द ठीक होने की शुभकामना दी है. मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट करके कहा कि, 'गृहमंत्री अनिल विज (Anil Vij) जी, आपके कोरोना संक्रमित होने का समाचार मिला. मुझे विश्वास है कि आप अपनी दृढ़शक्ति से इस बीमारी को जल्द मात देंगे. ईश्वर से आपके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं'.


 



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विज के संक्रमित होने पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया स्पष्टीकरण
उधर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री के कोरोना संक्रमित होने की खबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है. मंत्रालय ने कहा कि अनिल विज (Anil Vij) को अभी वैक्सीन की एक ही डोज लगी है. जबकि कोरोना से बचाने वाले एंटीबॉडी को बनने के लिए दो डोज लगनी जरूरी हैं. दोनों डोज लगने के कुछ दिन बाद ही एंटीबॉडी बनती हैं. दूसरी डोज पहली डोज के 28 दिन बाद ही दी जाती है.