DNA Analysis: No Means No. छोटा और सिंपल सा शब्द. फिर ये No चाहे कोई लड़का बोले या लड़की. मतलब एक ही होता है- नहीं मतलब नहीं. झारखंड में 19 साल के एक लड़के को 16 साल की लड़की का No बोलना बर्दाश्त नहीं हुआ. पहले लड़के ने लड़की की जिंदगी को जहन्नुम बनाया, लेकिन जब लड़की ने साफ-साफ कह दिया कि - No Means No. तो एकतरफा प्यार में पागल लड़के ने उस लड़की को जिंदा जलाकर मार डाला. 


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क्या है पूरा मामला?


ये घटना दुमका में 23 अगस्त की रात की है. अंकिता अपने घर में सो रही थी. शाहरुख हुसैन नाम के लड़के ने खिड़की से अंकिता पर पेट्रोल डाल दिया और आग लगा दी. इस घटना में अंकिता का करीब 90 प्रतिशत शरीर जल गया. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया. हालत बिगड़ी तो रांची में RIIMS के लिए रेफर कर दिया गया. 5 दिन जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद 28 अगस्त को इलाज के दौरान ही अंकिता की मौत हो गई. अंकिता सिर्फ 16 साल की थी. बारहवीं क्लास में पढ़ती थी. पढ़-लिखकर देश के लिए कुछ करना चाहती थी. लेकिन एकतरफा प्यार में पागल एक सिरफिरे ने उसकी जान ले ली. अब अंकिता का एक बयान सामने आया है. जिसमें वो अपनी आपबीती सुना रही है. इसे आप अंकिता का Dying Declaration कह सकते हैं.


मैं तुम्हें भूल जाऊं, ये हो नहीं सकता और तुम मुझे भूल जाओ ये मैं होने नहीं दूंगा. ये सिर्फ कोई फिल्मी डायलॉग नहीं है. बल्कि हमारे समाज की वो सच्चाई है, जिसमें पुरुष, महिलाओँ की ना को अपनी बेइज्जती समझते हैं. शाहरुख फिलहाल पुलिस कस्टडी में है. इसी ने अंकिता को जिंदा जला दिया. तस्वीरें बता रही हैं कि पुलिस कस्टडी में भी शाहरुख कैसे मुस्कुरा रहा है, हंस रहा है, उसकी बॉडी लैंग्वेज बता रही है कि उसे अपने किए पर जरा भी पछतावा नहीं है. हत्यारे शाहरुख के चेहरे पर ना कोई शिकन दिखी और ना ही किसी पछतावे का कोई भाव. अंकिता ने मौत से पहले एक और वीडियो में बताया था कि शाहरुख ने जेल की सजा काटने के बाद भी अंकिता और उसके परिवार वालो को फिर से मारने की धमकी दी थी. अपने आखिरी बयान में अंकिता ने साफ-साफ आरोपी शाहरुख को कड़ी सजा देने की मांग की है.


समाज के लिए आईना हैं ऐसे आरोपी


16 साल की अंकिता पढ़ना चाहती थी, देश के लिए कुछ करना चाहती थी, परिवार का नाम रोशन करना चाहती थी. लेकिन एकतरफा प्यार में पड़े एक सिरफिरे आशिक ने उसकी जान ले ली. मुस्कुराता हुआ शाहरुख हमारे समाज का आईना है. वो समाज जो लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाओं को आम बात मानता है. लेकिन अंकिता का कातिल सिर्फ एक शाहरुख नहीं है, बल्कि पुलिस भी है जिसने अंकिता से छेड़छाड़ की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और मामला दर्ज करवाने के बजाय रफा-दफा कर दिया. शाहरुख अंकिता को दो साल से परेशान कर रहा था. लेकिन शुरुआत में ना तो अंकिता ने इसे सीरियस लिया और ना उसके परिवार ने. लेकिन जब शाहरुख ज्यादा परेशान करने लगा तो अंकिता ने अपने पिता को बताया जिसके बाद वो पुलिस में शिकायत करने पहुंचे थे. पुलिस के दबाव में शाहरुख के बड़े भाई ने माफी मांगते हुए अंकिता और उसके परिवार से वादा किया था कि शाहरुख दोबारा ऐसा नहीं करेगा. लेकिन कुछ दिन शांत रहने के बाद शाहरुख की हरकतें फिर शुरु हो गईं.


अंकिता को तो इस बात का अंदाजा भी नहीं था


अंकिता ने अपने बयान में बताया था कि पिछले दस-पंद्रह दिन से शाहरुख स्कूल या ट्यूशन जाते समय उसका पीछा कर रहा था. शाहरुख ने कहीं से अंकिता का मोबाइल फोन नंबर भी पता कर लिया था और अक्सर फोन करके वो अंकिता पर दोस्ती करने का दबाव बना रहा था. अंकिता ने पुलिस को दिये बयान में बताया था कि 22 अगस्त की रात को शाहरुख ने फोन पर धमकी भी दी थी कि अगर वो उसकी बात नहीं मानेगी तो वो उसे और उसके परिवार को मार देगा. लेकिन अंकिता ये नहीं समझ पाई कि शाहरुख वाकई ऐसा कुछ करेगा और फिर 23 अगस्त को शाहरुख ने अंकिता पर पेट्रोल छिड़ककर जला डाला. अब अंकिता का परिवार अपनी बेटी के लिए इंसाफ और आरोपी शाहरुख के लिए फांसी की मांग कर रहा है.


नई बात नहीं हैं ऐसी घटनाएं


प्यार कभी भी इतना स्वार्थी नहीं हो सकता कि जिसके साथ जीवन बिताने का सोचा जाए, उसकी ही हत्या कर दी जाए, या उसे ही जला दिया जाए. ये प्यार नहीं था तो क्या था? इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. दुमका की अंकिता के साथ जो कुछ हुआ, वो ना ही पहला है और न ही आखिरी. दो साल पहले अक्टूबर 2020 में हरियाणा के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की हत्या हुई थी. जब कॉलेज से लौटते वक्त निकिता को तौसीफ और उसके साथी ने अपहरण की कोशिश की और जब वो कामयाब नहीं हो पाए तो गोली मारकर निकिता का कत्ल कर दिया. ये केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला और दोषी तौसीफ को उम्रकैद हुई. जैसा दो साल पहले निकिता के साथ हुआ, वैसा ही दुमका की अंकिता के साथ हुआ. दोनों ही केस में हत्यारा एक खास समुदाय से था. अंकिता की मौत के बाद दुमका में विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए हैं. अंकिता की मौत की खबर मिलने पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोग सड़क पर उतर गए. बाजार को बंद करा दिया. पुलिस को धारा 144 लगानी पड़ी. अंकिता की अंतिम यात्रा भी पुलिस की सुरक्षा में निकली.


सवाल पूछा जा रहा है कि क्या शाहरुख ने अंकिता को इसलिए मार डाला क्योंकि अंकिता उसके लव जेहाद के बहकावे में नहीं आई? क्या ये घटना नाकाम लव जेहाद का नतीजा है? ये कोई सियासत का टॉपिक नहीं है. बल्कि कानून का मुद्दा है. वजह चाहे फेल लव जेहाद हो या एकतरफा मोहब्बत. हमें लगता है कि आरोपी शाहरुख को ऐसी सजा मिलनी चाहिए, जो नजीर पेश करे. जिससे सिरफिरों के सिर पर चढा आशिकी का भूत उतरे. ये हत्या का कोई सामान्य सा क्राइम नहीं है. ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है, जिसमें दोषी को फांसी की सजा भी मिले तो कम है. क्योंकि ये अंकिता की अंतिम इच्छा भी है, जिसे पूरा करना कानून का दायित्व है.


NCRB के मुताबिक भारत में आपसी विवाद, निजी रंजिश, अवैध संबंधों के बाद हत्या का चौथा सबसे बड़ा कारण प्रेम-प्रंसग है. मेट्रो शहरों में प्रेम-प्रसंग में विवाद, हत्या का तीसरा सबसे बड़ा कारण है. वर्ष 2020 में Love Affairs की वजह से 1443 हत्याएं हुईं थी जो 2021 में बढ़कर 1566 हो गईं. वर्ष 2020 में 13.4 प्रतिशत अपहरण की वजह भी एकतरफा मोहब्बत बनी थी. वर्ष 2001 से 2017 के दौरान लव अफेयर की वजह होने वाली हत्याएं 28 प्रतिशत बढ़ गई. देश में 2018 से 2020 के दौरान महिलाओं पर तेजाब हमले के 386 मामले दर्ज किए गए. एक रिपोर्ट के मुताबिक तेजाब से हमले के 78 फीसदी मामले एकतरफा मोहब्बत का नतीजा होते हैं. रेप, गैंगरेप, एसिड अटैक और हत्या. दुमका में अंकिता की हत्या, उस कातिल सोच का नतीजा है जिसमें एकतरफा इश्क के शिकार लड़के. लड़कियों को अपनी जागीर समझते हैं. ये उस समाज की सच्चाई है जहां नारियों को पूजा भी जाता है और उसका अपमान भी किया जाता है. देश को अंग्रेजों से आजादी मिले 75 साल बीत गए, लेकिन इस कुप्रथा से आजादी आजतक नहीं मिली. 


मरते हुए अंकिता ने कहा था कि उसके कातिल को मौत की सजा मिले. लेकिन क्या ऐसा हो सकता है? क्या अंकिता की हत्या Rarest Of Rare केस है? जिसमें हत्यारे शाहरुख को देश का कानून सजा-ए-मौत सुना सके. ये सवाल हमने कानून के जानकारों से पूछा. तो क्या जवाब मिला. आपको ये भी जानना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग फैसलों का अध्ययन करने पर इसका पता चलता है कि Rarest Of Rare की कैटेगरी के केस में कुछ चीजें कॉमन होती है.


पहली - निर्दयता और निर्ममता से की गई हत्या
अंकिता को जिस निर्दयता से जिंदा जलाकर मारा गया है, वो बेहद Rare है


दूसरी - हत्या करने वाले शख्स की विकृत मानसिकता.
जिस तरह से अंकिता की हत्या करने के बाद आरोपी मुस्कुरा रहा था, हंस रहा था, वो केस को Rarest Of Rare की श्रेणी में रखने का मजबूत आधार बन सकता है.


तीसरा - हत्या का मकसद
अंकिता को शाहरुख ने सिर्फ इसलिए जिंदा जला दिया, क्योंकि उसने उसकी मोहब्बत को ठुकरा दिया था.  


और चौथा - हत्या के शिकार का व्यक्तित्व
शाहरुख ने अंकिता को तब शिकार बनाया जब वो सो रही थी, यानी अपना बचाव करने की स्थिति में नहीं थी.


ये कुछ आधार है जिसपर कानून, Rarest Of Rare केस तय करता है. कोर्ट ही ये तय करता है कि कौन सा केस rarest of rare है. अंकिता की हत्या के केस में भी ये तय करने का अधिकार कोर्ट का ही होगा. हमें भरोसा है अंकिता के हत्यारे को कानून के मुताबिक सख्त से सख्त सजा मिलेगी.


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