मुंबई: कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के कारण पिछले साल लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान महाराष्ट्र के करीब 96 प्रतिशत लोगों की आमदनी में कमी आई है. राज्य में ‘अन्न अधिकार अभियान’ के तहत किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'भूखे रहने पर मजबूर हुए'
‘अन्न अधिकार अभियान’ के लिए राज्य की समन्वयक मुक्ता श्रीवास्तव ने बताया कि आमदनी में कमी आने का मुख्य कारण नौकरियां जाना और कार्य की अनुपलब्धता थी. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में शामिल हर पांचवें व्यक्ति को भोजन खरीदने के लिए रुपये नहीं होने के कारण भूखे रहने पर मजबूर होना पड़ा. इस अभियान के तहत खाद्य एवं पोषण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पिछले साल मई और सितंबर में मुंबई, ठाणे, रायगढ़, पुणे, नंदुरबार, सोलापुर, पालघर, नासिक, धुले और जलगांव में कुल 250 लोगों का सर्वेक्षण किया.


सर्वे में 60 प्रतिशत महिलाएं
केंद्र ने देश में कोविड-19 महामारी (Coronavirus) के कारण पिछले साल मार्च में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की थी, जिसके कुछ महीने बाद प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी गई थी. अन्न अधिकार अभियान की समन्वयक मुक्ता श्रीवास्तव ने कहा, ‘जिन लोगों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया, उनमें से 96 प्रतिशत लोगों की आमदनी में कमी आई है और लॉकडाउन हटने के पांच महीने बाद तक उनकी स्थिति ऐसी ही रही.’ उन्होंने बताया कि जिन लोगों को सर्वेक्षण में शामिल किया है, उनमें से 52 प्रतिशत लोग ग्रामीण इलाके के रहने वाले हैं और शेष लोग शहरी इलाकों के रहने वाले हैं. इनमें से 60 प्रतिशत महिलाएं हैं.


यह भी पढ़ें; 1 मार्च से नए नियम होंगे लागू, कोरोना वैक्सीन के अगले चरण के साथ कई और बदलाव


'जेवर, जमीन बेचनी पड़ी'
श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन (Lockdown) से पहले करीब 70 प्रतिशत लोगों की महीने की इनकम 7 हजार रुपये थी और शेष लोगों की महीने की इनकम 3 हजार रुपये थी. उन्होंने कहा, ‘पहले से ही इतनी कम इनकम में भी गिरावट इस बात को रेखांकित करती है कि संक्रमण का इन लोगों पर कितना बुरा असर पड़ा है.’ उन्होंने बताया कि जिन लोगों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया, उनमें से करीब 49 प्रतिशत लोगों को भोजन खरीदने के लिए अपने मित्रों एवं संबंधियों से उधार रुपये लेने पड़े. इन लोगों की लॉकडाउन के बाद की कमाई के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा, ‘अप्रैल और मई में 43 प्रतिशत लोगों की कोई आय नहीं थी. केवल 10 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं, जिनकी आय लॉकडाउन से पहले वाले स्तर पर पहुंची है.’


VIDEO