DNA with Sudhir Chaudhary: आज हम अल-कायदा के आतंकवादियों को भारत के 140 करोड़ लोगों की तरफ से जवाब देंगे. अल-कायदा ने कल भारत के कई राज्यों में हमले करने की धमकी दी थी और ये भी कहा था कि वो गजवा-ए-हिन्द के अपने अरमान को पूरा करके रहेगा. तो आज हम अल-कायदा की इस गलतफहमी को दूर करते हैं, पूरी दुनिया के सामने उसकी पोल खोलते हैं और भारत की तरफ से उसे चुनौती भी देते हैं. अल-कायदा के आतंकवादी इस्लाम का सहारा लेकर पूरी दुनिया में खून बहा रहे हैं. इसलिए आज भारत से सवाल करने वाले उन मुस्लिम देशों को भी खुल कर सामने आना चाहिए और अल-कायदा की आलोचना करनी चाहिए. इन मुस्लिम देशों को अल-कायदा से भी वही सवाल पूछने चाहिए, जो भारत के राजदूतों से उन्होंने पूछे हैं. साथ ही आज हम ये भी जानेंगे कि पिछले 70 वर्षों में पाकिस्तान और बांग्लादेश से लाखों हिन्दू कहां गायब हो गए? इन देशों पर कभी किसी ने सवाल क्यों नहीं उठाया?


भारत के दौरे पर हैं ईरान के विदेश मंत्री


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इस पूरे घटनाक्रम के बीच आज ईरान के विदेश मंत्री 3 दिन के दौरे पर दिल्ली आए और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इससे ईरान और भारत के रिश्ते और मजबूत होंगे. इसके अलावा भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और NSA अजीत डोभाल ने भी ईरान के विदेश मंत्री से आज मुलाकात की है.


भारत के खिलाफ हो रही घेराबंदी में ईरान भी शामिल


ईरान के विदेश मंत्री ऐसे समय में भारत के दौरे पर आए हैं, जब पैगम्बर मोहम्मद साहब के अपमान के मुद्दे पर मुस्लिम देश भारत की घेराबंदी कर रहे हैं और इन देशों में ईरान भी शामिल है. इसलिए ईरान के विदेश मंत्री का भारत आना बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि अब तक उन्होंने इस मुद्दे पर भारत में कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन हमारे देश में पिछले 24 घंटे से अल-कायदा की काफी चर्चा हो रही है और आज हम अल-कायदा की पोल खोलेंगे.


अल-कायदा ने दी गजवा-ए-हिंद की धमकी


अल-कायदा ने कल दिल्ली, मुम्बई, गुजरात और उत्तर प्रदेश में आत्मघाती हमले करने की धमकी दी थी और कहा था कि वो पैगम्बर मोहम्मद साहब के अपमान का बदला जरूर लेगा. इसके अलावा अल कायदा ने भारत के मुसलमानों से भी कहा है कि उन्हें ये बात भूलनी नहीं चाहिए कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ने पहले से बता दिया था कि एक दिन गजवा ए हिन्द होगा और इसमें मुसलमानों की जीत होगी. दुनियाभर के आतंकवादी संगठन जब भी भारत के खिलाफ जेहाद की बात करते हैं तो गजवा-ए-हिन्द का जिक्र जरूर आता है. इसलिए आज आपको ये समझना चाहिए कि गजवा-ए-हिन्द है क्या?


क्या है गजवा-ए-हिंद?


इस्लाम धर्म में जब गजवा शब्द का प्रयोग किया जाता है तो इसका मतलब होता है युद्ध  और हिन्द का मतलब हिन्दुस्तान से है. यानी गजवा-ए-हिन्द का मतलब हुआ, हिन्दुस्तान के खिलाफ युद्ध. इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतें मानती हैं कि पूरी दुनिया में इस्लाम का विस्तार तभी होगा, जब गजवा-ए-हिन्द होगा. यानी जिस दिन भारत से सारे हिन्दू समाप्त हो जाएंगे और भारत एक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा, उस दिन गजवा-ए-हिन्द को सफल माना जाएगा और ये बातें हम अपनी तरफ से नहीं कह रहे. बल्कि गजवा-ए-हिन्द का उल्लेख चार हदीसों में किया गया है.


हदीस में क्या लिखा है?


इस्लाम धर्म में कुरान के बाद हदीस को सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ माना गया है. इसमें बताया गया है कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अपना जीवन कैसे व्यतीत किया और उनके वैचारिक सिद्धांत क्या थे. कुल चार हदीस ऐसी हैं, जिनमें गजवा-ए-हिन्द का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया गया है. इनमें एक हदीस में पैगम्बर मोहम्मद साहब के सहाबी यानी सहयोगी हजरत अबू हुरैरा कहते हैं कि इस उम्मत में सिंध और हिन्द की तरफ एक लश्कर रवाना होगा. यहां उम्मत का अर्थ, किसी मुस्लिम राष्ट्र या मुस्लिम समुदाय से है.


इसी हदीस में आगे हजरत अबू हुरैरा ये कहते हैं कि अगर मुझे इस गजवा यानी युद्ध में शामिल होने का मौका मिला तो मैं शहीद कहलाऊंगा और अगर बच गया तो वो अबू हुरैरा बन जाऊंगा, जिसे अल्लाह ने जहन्नुम की आग से आजाद कर दिया होगा. इसी से मिलती जुलती एक और हदीस में ये लिखा है कि तुम्हारा एक लश्कर हिन्द से जंग करेगा और मुजाहिदीन वहां के बादशाह को बेड़ियों में जकड़कर लाएंगे और फिर जब वो वापस पलटेंगे तो हजरत ईसा को स्याम में पाएंगे. यहां स्याम का अर्थ मौजूदा सीरिया देश है.


आतंकियों को गाजी कहते हैं ये लोग


पूरी दुनिया में डेढ़ हजार से ज्यादा ऐसे छोटे बड़े आतंकवादी संगठन हैं, जो खुद को इस्लामिक कट्टरवाद से प्रेरित बताते हैं. इससे भी खतरनाक बात ये है कि इन सभी आतंकवादी संगठनों ने जो अपने Future Plans बनाए हैं, उनमें गजवा-ए-हिन्द को सबसे ऊपर रखा गया है. यानी इस्लामिक कट्टरपंथियों की सबसे बड़ी ख्वाहिश भारत को जीत कर उसे इस्लामिक राष्ट्र बनाने की है. इसके लिए ये संगठन आतंकवादियों को आतंकवादी नहीं कहते. बल्कि उनके लिए गाजी शब्द का इस्तेमाल होता है. गाजी, उन लोगों को कहा जाता है, जो इस्लाम धर्म की आस्था के लिए युद्ध करते हैं. पूरी दुनिया में इस्लाम के जो विद्वान हैं, मौलाना हैं और उलेमा हैं, वो पूरे जोर शोर से से गजवा-ए-हिंद की विचारधारा का प्रचार प्रसार करते हैं और गाजी को एक सम्मानसूचक शब्द मानते हैं.


इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि गजवा-ए-हिन्द के दौरान जो लोग मारे जाएंगे, उन्हें जन्नत नसीब होगी और जो लोग जीत जाएंगे वो भारत पर कब्जा करके यहां पर शासन करेंगे. इस युद्ध की शुरुआत खुरासान इलाके से होगी.


खुरासान से होगी युद्ध की शुरुआत


खुरासान का मतलब उस इलाके से है, जिसमें आज का अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान के कुछ क्षेत्र आते हैं. कट्टर इस्लाम को मानने वाले कहते हैं कि इतने वर्षों में गजवा ए हिंद इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि इससे पहले भारत पर जितने मुसलमान आक्रमणकारियों ने हमला किया था. वो इस्लाम की कट्टर विचारधारा से तो प्रेरित थे लेकिन उनका असली सपना भारत के धन और दौलत को लूटना था. लेकिन अब जो लोग गजवा ए हिंद करेंगे, वो भारत को लूटने के लिए नहीं बल्कि भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के इरादे से हमला करेंगे.


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