Haryana Anti-Conversion Law: हरियाणा में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू हो गया है और अब राज्य में सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकेगा. बता दें कि जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए इस साल मार्च के बजट सत्र के दौरान हरियाणा सरकार ने विधेयक पारित किया था. इसके बाद 1 दिसंबर 2022 को हुई कैबिनेट मीटिंग में इसके नियम तय किए गए.


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कानून तोड़ने पर 10 साल तक की सजा


धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti-Conversion Law) तोड़ने पर कड़ी सजा का भी प्रावधान किया गया है. इसकी पुष्टि होने पर दोषी को अधिकतम दस साल तक की सजा हो सकती है. इसके साथ ही पीड़ित को गुजारा-भत्ता भी देना होगा. वहीं, अगर आरोपी व्यक्ति का निधन हो जाता है तो उसकी अचल संपत्ति बेची जाएगी और पीड़ित की आर्थिक मदद की जाएगी, इसी तरह, धर्म परिवर्तन के बाद विवाह से जन्मे बच्चों को भी भरण-पोषण के लिए आरोपी व्यक्ति ही जिम्मेदारी होगा और बालिग होने तक आर्थिक मदद करनी होगी. कानून का उल्लंघन संज्ञेय अपराध और गैर जमानती होगा.


धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti-Conversion Law) के तहत अगर कोई किसी भी तरह का लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराता तो उसे कम से कम 5 साल की कैद की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना होगा. वहीं, शादी के लिए धर्म छिपाने पर तीन से 10 साल तक कैद और कम से कम तीन लाख रुपये जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा अगर सामूहिक धर्मांतरण में नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो इसको लेकर भी सजा का प्रावधान है. ऐसी स्थिति में 5 से 10 साल तक कैद और न्यूनतम चार लाख रुपये जुर्माना हो सकता है. वहीं, एक बार से अधिक जबरन धर्मांतरण में पकड़े जाने पर दस साल की सजा और 5 लाख रुपये जुर्माना होगा.


धर्म परिवर्तन के लिए लेनी होगी मजिस्ट्रेस से मंजूरी


अब हरियाणा में जबरन धर्म परिवर्तन (Conversion) नहीं कराया जा सकता. हालांकि, कोई अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर सकता है, लेकिन इसके लिए उसे पहले मजिस्ट्रेस से अनुमति लेनी होगी. बता दें कि पिछले 4 सालों में हरियाणा में जबरन धर्म परिवर्तन के 127 मामले दर्ज किए गए हैं. हरियाणा 11वां भाजपा शासित प्रदेश है जहां इस तरह का कानून बनाया गया है.
(इनपुट- ब्यूरो)


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