नई दिल्ली : माओवादी गतिविधियों का गढ़ माने जाने वाले छत्तीसगढ़ और उसके सीमाई इलाकों के जंगलों में तैनात सुरक्षा बलों को हवाई सहयोग मुहैया कराने के मकसद से सरकार ने एक निजी कंपनी से दो हेलिकॉप्टर किराए पर लिए हैं।


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माओवादियों से निपटने के उद्देश्य से सुरक्षा बलों के लिए और अधिक हेलिकॉप्टरों की जरूरत को देखते हुए करीब एक साल से अधिक समय से इस संबंध में प्रयास जारी थे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की ओर से निजी हेलिकॉप्टरों को किराए पर लेने के संबंध में जो समझौता हुआ है उससे न केवल अधिक संख्या में सैनिकों की तैनाती बल्कि युद्ध की स्थिति में घायलों को भी मदद पहुंचाई जा सकती है तथा हथियार एवं राशन की भी आपूर्ति की जा सकती है। माओवादी चुनौतियों से निपटने के सीआरपीएफ कमान के अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में जगदलपुर में दो बेल हेलिकॉप्टर की टीम तैनात की गई है। यह इलाका सबसे खराब नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल है।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, नक्सल विरोधी अभियानों में सेना की मदद के लिए दो निजी हेलिकॉप्टरों को किराए पर लिया गया है। हेलिकॉप्टरों ने अभियान शुरू कर दिया है और ये दक्षिणी बस्तर में तैनात रहेंगे। जिस निजी कंपनी ने ये हेलिकॉप्टर मुहैया कराए हैं उसे माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में अभियान का अनुभव हासिल है। हालांकि कंपनी अभी तक केवल नागरिकों और अतिविशिष्ट लोगों को लाने ले जाने के कार्यो से ही संबद्ध रही है।


दिल्ली स्थित ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और हेलिकॉटर के मालिक अजय वीर सिंह ने बताया, हम 2008 से ही छत्तीसगढ़ में अभियान चला रहे हैं। यह पहली बार है जब पूर्ण रूप से हम सुरक्षाकर्मियों की मदद करेंगे। उड़ानों का संचालन सीआरपीएफ करेगी। अभियान, हेलिकॉप्टर की मरम्मत और निरीक्षण के लिए कंपनी ने अपने पायलटों और चालक दल के सदस्यों को तैनात किया है। ये हेलिकॉप्टर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस की देखरेख में और उनके संरक्षण में हेलिपैड्स से संचालित होंगे।


नक्सल विरोधी अभियानों के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तरफ से तैनात 11 हेलिकॉटरों के अपने बेड़े में सीआरपीएफ और हेलिकॉप्टरों की तैनाती की मांग करती रही है। नक्सल विरोधी अभियानों के लिए दो नए एमआई-17-वी5 के शामिल होने की संभावना है।


आधुनिक एमआई सीरीज के हेलिकॉप्टरों में मौसम की सूचना बताने वाले रडार के साथ ऑटोपायलट फंक्शन और रात के समय देखने में सक्षम आधुनिक डिवाइस जैसी सुविधाएं मौजूद हैं जो वर्तमान एमआई-17एस में नहीं हैं। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सैनिकों की क्षमता बढ़ाने में हेलिकॉप्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वहां तैनात सैनिकों को यह सैन्य मदद भी पहुंचाते हैं।