Maharashtra News: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पुणे जिले का संरक्षक मंत्री नियुक्त किया है. पवार समेत कुल 12 जिलों के लिए मंत्री नियुक्त किए गए. लंबी खींचतान के बाद अजित पवार ने वरिष्ठ बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल से पुणे जिल का प्रभार लेने में सफल रहे. अजित पवार सहित उनकी अगुवाई वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट के नौ में से सात मंत्रियों को प्रभारी मंत्री के रूप में विभिन्न जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.


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12 जिलों के प्रभारी मंत्री
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी 12 जिलों के प्रभारी मंत्रियों की संशोधित सूची के अनुसार, चंद्रकांत पाटिल को सोलापुर और अमरावती जिलों की जिम्मेदारी दी गई है.


सूची के अनुसार, एनसीपीमंत्री दिलीप वल्से पाटिल, हसन मुश्रीफ और धनंजय मुंडे क्रमशः बुलढाणा, कोल्हापुर और बीड जिलों के प्रभारी मंत्री होंगे.


मंत्री संजय बनसोडे, धर्मराव बाबा अत्राम और अनिल पाटिल को क्रमशः परभणी, गोंदिया और नंदुरबार जिलों की जिम्मेदारी दी गई है.


सूची के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी से वरिष्ठ मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, विजय कुमार गावित और राधाकृष्ण विखे पाटिल क्रमशः वर्धा, भंडारा और अकोला जिलों के प्रभारी मंत्री होंगे.


इसके मुताबिक, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वर्धा, अकोला, भंडारा और अमरावती जिलों के प्रभारी मंत्री के रूप में कार्यभार संभालते रहेंगे.


क्या होता है प्रभारी मंत्रियों का काम
प्रभारी मंत्री की भूमिका जिले पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना तथा स्थानीय जरूरतों को पूरा करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना है.


गौरतलब है कि अजित पवार जुलाई में आठ विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने अपने चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा के अधिकतर विधायकों के समर्थन का दावा किया था साथ ही चुनाव आयोग में पार्टी के नाम और चिह्न पर दावा पेश किया था. शरद पवार गुट की ओर से भी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावेदारी की गई है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)