रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए अर्जुन मुंडा न सिर्फ अपने गृह राज्य झारखंड में, बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी एक प्रमुख आदिवासी चेहरा हैं.  वह केंद्र में पहली बार मंत्री बनाए गए हैं. झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके 51 वर्षीय मुंडा ने लोकसभा चुनाव में खूंटी (सुरक्षित) सीट पर कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को 1,445 वोटों के अंतर से हराया.  उन्होंने इस चुनाव में भाजपा के लिए ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव प्रचार किया. उन्हें गोल्फ खेलना और बांसुरी बजाना भी पसंद है. 


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वह अपना खाली वक्त पेंटिंग करने में बिताते हैं. वह एक तीरंदाजी एकेडमी भी चलाते हैं और उन्होंने तीरंदाज दीपिका कुमारी को अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप के मुकाम तक पहुंचाने में एक अहम भूमिका निभाई. वह मार्च 2003 में पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे.


  हालांकि, राज्य में 2006 में निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा ने, जबकि 2013 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने समर्थन वापस लेकर उनकी सरकार गिरा दी थी. मुंडा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं. अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन के दौरान जेएमएम के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले मुंडा 1995 में पहली बार अविभाजित बिहार में विधायक चुने गए थे.