नई दिल्लीः सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भारत जैसे देश को अगला युद्ध लड़ने के लिए स्वदेश में बने हथियारों से लड़ना होगा. सेना प्रमुख दिल्ली में सीआईआई (confedration of indian industries) द्वारा आयोजित टेक्नॉलोजी सेमिनार में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम हथियारों के आयात से आगे बढ़ें. जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हमें हल्के वज़न के बुलेट प्रूफ हथियार और ईंधन सेल तकनीक की जरूरत है. हमें पूरी उम्मीद है कि अगर हमें इंडस्ट्री का सपोर्ट मिलता है तो हम इस राह में एक कदम और आगे बढ़ेंगे.


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गौरतलब है कि केंद्र नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से हथियारों के निर्माण को लेकर कई नए फैसले किए गए है. केंद्र सरकार ने हथियारों को देश में ही विकसित करने को काम को अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'मेक इन इंडिया' से भी जोड़ा है. कई कंपनियों से इस बात पर समझौते किए गए हैं कि वह अपने उत्पादों का निर्माण भारत में ही करेंगी. बता दें कि हाल ही में देश की ऑर्डिनेंस फैक्टिरियों के ऑर्डर को भी मंजूरी दी गई है. 


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यहां गौर करने वाली यह भी है कि जनरल बिपिन रावत हमेशा से अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा में रहते है. कश्मीर में आतंकवादियों को समर्थन देने वालों को मामला हो या फिर पाकिस्तान द्वारा बॉर्डर भारतीय सीमाओं पर बिना उकसावे की फायरिंग का मामला हो. जनरल रावत ने अपने तेवर कड़े ही रखे हैं. 


जनरल रावत ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल ज्यादा हताहत इसलिए हो रहे हैं कि स्थानीय लोग उनके अभियान में बाधा डालते हैं और ‘कई बार आतंकवादियों के भागने में मदद करते हैं.’ सेना प्रमुख ने कहा था किजिन लोगों ने हथियार उठाए हैं और वे स्थानीय लड़के हैं और अगर वे आईएसआईएस तथा पाकिस्तान के झंडे लहराकर आतंकवादी कृत्य करना चाहते हैं तो हम उनको राष्ट्र विरोधी तत्व मानेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.


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सेना प्रमुख ने कहा था कि जम्‍मू कश्‍मीर में आईएआईएस के झंडे लहराने वाले को भी नहीं बख्‍शेंगे. उन्होंने कहा कि आज हो सकता है कि वे बच जाएंगे लेकिन कल हम उन्हें पकड़ ही लेंगे. आतंक के खिलाफ हमारा अनवरत अभियान जारी रहेगा.